जालंधर के पुराने बारादरी इलाके में स्थित मकान नंबर 1, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। दरअसल, जालंधर डिवीजन के पहले ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस 1848 में इस मकान में रहने आए थे, तब तक जालंधर महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था।
दिल्ली चुनाव और अरविंद केजरीवाल से बैठक के बाद सीएम भगवंत मान का नया ठिकाना जालंधर बारादरी में कोठी नंबर एक बनने जा रहा है। 11 एकड़ में बसी इस कोठी में खासी चहल-पहल चल रही है। नए सोफे लाए जा रहे हैं, रंग-रोगन, वुडन फ्लोर का काम तेजी से चल रहा है।
उपचुनाव में किया था वादा
दरअसल जालंधर वेस्ट उपचुनाव में सीएम मान ने जालंधर की जनता से वादा किया था कि वह दोआबा में दो-तीन दिन रहेंगे ताकि माझा व दोआबा के विधायकों व लोगों को कोई दिक्कत न हो। हालांकि सीएम मान ने दीप नगर में एक कोठी किराए पर ले रखी है लेकिन अब सीएम के लिए सरकारी आवास लगभग तैयार है। इस कोठी के पीछे अधिकारियों व शहर के नामचीन लोगों का जिमखाना क्लब है और आसपास अधिकारियों की कोठियां हैं।
पुराने बारादरी इलाके में है संरक्षित इमारत
शहर के पुराने बारादरी इलाके में स्थित मकान नंबर 1, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। दरअसल, जालंधर डिवीजन के पहले ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस 1848 में इस मकान में रहने आए थे, तब तक जालंधर महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था। जब इसे उस समय की प्रचलित निर्माण सामग्री, नानकशाही ईंटों और चूना पत्थर से बनाया गया था।
इमारत का अग्रभाग और अंदरूनी हिस्सा ज्यादातर एक जैसा ही है। मुख्य हॉल में ब्रिटिश काल की दो राइफलें लटकी हुई हैं। घर में चार ड्राइंग रूम, चार बेडरूम, तीन ऑफिस रूम, एक बाहरी बंद बरामदा और सहायक कर्मचारियों के लिए 10 दो-कमरे वाले पारिवारिक फ्लैट हैं। बाहर का नजारा देखने लायक है – एक विशाल झील, कई बगीचे और एक पिछला गेट जो स्थानीय जालंधर जिमखाना क्लब से सटा हुआ है।
176 साल में 140 कमिश्नर रह चुके हैं
पिछले 176 सालों में इस घर में 140 कमिश्नर रह चुके हैं। मुख्यमंत्री मान इस घर के 141वें निवासी होंगे, लेकिन उन्हें 2002-03 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा दिए गए संरक्षित स्मारक के दर्जे के कारण कोई संरचनात्मक परिवर्तन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। छत पर छोटे-मोटे जीर्णोद्धार के साथ-साथ नए रंग-रोगन का काम भी किया जाएगा। फ्लोर को लकड़ी का तैयार किया रहा है। बाहर बगीचा एक महल की भांति तैयार हो चुका है।
दिल्ली में चुनाव के बाद पंजाब में आप में काफी मंथन चल रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि पंजाब में खड़ी हो रही सत्ता विरोधी लहर को कुंद करने के लिए अब सीएम समेत तमाम मंत्रियों को जमीनी स्तर पर काफी कुछ करना पड़ेगा और ऐसे में सीएम आगामी दिनों में कोठी में शिफ्ट हो सकते हैं।
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