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शनि दोष से पाना चाहते हैं राहत, तो शनिवार के दिन जरूर करें इन मंत्रों का जप

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनि देव को न्याय के देवता के साथ-साथ कर्मफल दाता भी कहा जाता है। माना जाता है कि शनि देव लोगों को उनके कर्मों के लिए ही फल प्रदान करते हैं। शनिदेव की कृपा प्राप्ति के लिए शनिवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। इस दिन पर आप शनिदेव की विशेष पूजा-अर्चना द्वार शनि दोष से भी राहत पा सकते हैं।

हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसपर शनिदेव की कूदृष्टि न पड़े और वह अपनी कृपा साधक पर बनाएं रखें। शनिदेव की कृपा से साधक के सभी काम बिना किसी बाधा से पूर्ण होते हैं, तो वहीं शनि देव के नाराज होने पर जातक को जीवन में कई तरह की तकलीफों का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको शनिदेव की कृपा के लिए शनिवार के दिन उनके 108 नामों का जप (Shanivar ke Mantra) जरूर करना चाहिए।

शनि अष्टोत्तर शतनामावली (Shani Ashtottara Shatanamavali)

ॐ शनैश्चराय नमः ।
ॐ शान्ताय नमः ।
ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः ।
ॐ शरण्याय नमः ।
ॐ वरेण्याय नमः।
ॐ सर्वेशाय नमः।
ॐ सौम्याय नमः।
ॐ सुरवन्द्याय नमः।
ॐ सुरलोकविहारिणे नमः ।
ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः।
ॐ सुन्दराय नमः ।
ॐ घनाय नमः।
ॐ घनरूपाय नमः।
ॐ घनाभरणधारिणे नमः।
ॐ घनसारविलेपाय नमः।
ॐ खद्योताय नमः।
ॐ मन्दाय नमः।
ॐ मन्दचेष्टाय नमः।
ॐ महनीयगुणात्मने नमः।
ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः।
ॐ महेशाय नमः।
ॐ छायापुत्राय नमः।
ॐ शर्वाय नमः।
ॐ शततूणीरधारिणे नमः।
ॐ चरस्थिरस्वभा वाय नमः।
ॐ अचंचलाय नमः।
ॐ नीलवर्णाय नमः।
ॐ नित्याय नमः।
ॐ नीलांजननिभाय नमः।
ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः।
ॐ निश्चलाय नमः।
ॐ वेद्याय नमः।
ॐ विधिरूपाय नमः।
ॐ विरोधाधारभूमये नमः।
ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः।
ॐ वज्रदेहाय नमः।
ॐ वैराग्यदाय नमः।
ॐ वीराय नमः।
ॐ वीतरोगभयाय नमः।
ॐ विपत्परम्परेशाय नमः।
ॐ विश्ववन्द्याय नमः।
ॐ गृध्नवाहाय नमः।
ॐ गूढाय नमः।
ॐ कूर्मांगाय नमः।
ॐ कुरूपिणे नमः।
ॐ कुत्सिताय नमः।
ॐ गुणाढ्याय नमः।
ॐ गोचराय नमः।
ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः।
ॐ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः।
ॐ आयुष्यकारणाय नमः।
ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः।
ॐ विष्णुभक्ताय नमः।
ॐ वशिने नमः।
ॐ विविधागमवेदिने नमः।
ॐ विधिस्तुत्याय नमः।
ॐ वन्द्याय नमः।
ॐ विरूपाक्षाय नमः।
ॐ वरिष्ठाय नमः।
ॐ गरिष्ठाय नमः।

शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद काले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। साथ ही इस दिन किसी शनि मंदिर में जाकर तिल या सरसों के तेल का दान भी जरूर करना चाहिए। शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के दौरान शनि चालीसा व उनके मंत्रों का जप भी जरूर करें। ऐसा करने से शनिदेव अपनी कृपा दृष्टि आपके ऊपर बनाए रखते हैं।

ॐ वज्रांकुशधराय नमः।
ॐ वरदाभयहस्ताय नमः।
ॐ वामनाय नमः।
ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः।
ॐ श्रेष्ठाय नमः।
ॐ मितभाषिणे नमः।
ॐ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः।
ॐ पुष्टिदाय नमः।
ॐ स्तुत्याय नमः।
ॐ स्तोत्रगम्याय नमः।
ॐ भक्तिवश्याय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ भानुपुत्राय नमः।
ॐ भव्याय नमः।
ॐ पावनाय नमः।
ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः।
ॐ धनदाय नमः।
ॐ धनुष्मते नमः।
ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः।
ॐ तामसाय नमः।
ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः।
ॐ विशेशफलदायिने नमः।
ॐ वशीकृतजनेशाय नमः।
ॐ पशूनां पतये नमः।
ॐ खेचराय नमः।
ॐ खगेशाय नमः।
ॐ घननीलाम्बराय नमः।
ॐ काठिन्यमानसाय नमः।
ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः।