लंबे समय से बारिश-बर्फबारी का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ। प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश से ठंड एक बार फिर लौट आई। जबकि दिन के अधिकतम तापमान में रिकॉर्ड तोड़ गिरावट दर्ज की गई। दून का अधिकतम तापमान 23.6 डिग्री रहा। इससे पहले फरवरी का अधिकतम तापमान इतना कम दर्ज नहीं किया गया।
हालांकि अभी राजधानी देहरादून और मसूरी में धूप खिली है। साथ ही यमुना घाटी में बादल छाए हैं। लेकिन शाम को मौसम बदला सकता है। मौसम विभाग ने प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में आज भी बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के कुछ इलाकों में हल्की बारिश के आसार जताए गए हैं। हालांकि अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि शनिवार को हुई बारिश-बर्फबारी का असर 16 फरवरी के मौसम में भी देखने को मिलेगा। सर्द हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है।
विंटर बारिश के आंकड़ों में आई कमी
मौसम के बदले पैटर्न और जलवायु परिवर्तन के चलते बीते कुछ सालों से विंटर बारिश के आंकड़ों में भारी कमी आई है। इसका असर ग्लेशियर में बर्फ की चादर पर पड़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्फबारी के लिए बारिश का होना बहुत जरूरी है। बारिश से ही तापमान में गिरावट आती है और तापमान शून्य पहुंचने पर ही बर्फबारी होती है।
लेकिन बीते कुछ सालों से ऐसा कम हो रहा है। जनवरी के बाद अब तक की फरवरी में लंबे ब्रेक के बाद बारिश-बर्फबारी हुई तो ग्लेशियर रिचार्ज होने के साथ ठंड में इजाफा हो गया। हालांकि दोपहर बाद मौसम साफ हुआ तो थोड़ी राहत मिली और इसका असर रात के न्यूनतम तापमान में भी देखने को मिला। दून समेत प्रदेश भर का न्यूनतम तापमान सामान्य रिकॉर्ड किया गया।
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