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स्तन कैंसर का जल्द मिल सकेगा बिना सर्जरी सटीक इलाज, एम्स के विशेषज्ञ कर रहे गहन शोध

पिछले 25 वर्षों में देश में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल देश में कैंसर के करीब 14 लाख केस सामने आते हैं। इसमें करीब दो लाख मामले स्तन कैंसर से जुड़े हैं। पिछले कुछ वर्षों से कम उम्र की लड़कियों में स्तन कैंसर के मामले ज्यादा देखे गए हैं।

स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं का रेडियोथेरेपी की मदद से बिना सर्जरी सटीक इलाज हो सकेगा। इसे लेकर एम्स के विशेषज्ञ शोध कर रहे हैं। मौजूदा समय में रेडियोथेरेपी को लेकर महिलाओं में भ्रांतियां हैं। वह कीमो व दूसरी सुविधा लेने से कतराती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि समय के साथ रेडियोथेरेपी में सुधार हो रहा है। हमारी कोशिश है कि शुरुआती दौर स्तन कैंसर की पकड़ होने पर महिलाओं को सर्जरी करवाने की जरूरत न पड़े। रेडियोथेरेपी की मदद से ही कैंसर के सभी सेल को मार दिया जाएगा। ताकि कैंसर होने की आशंका को पूरी तरह से खत्म किया जा सके।

पिछले 25 वर्षों में देश में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर साल देश में कैंसर के करीब 14 लाख केस सामने आते हैं। इसमें करीब दो लाख मामले स्तन कैंसर से जुड़े हैं। पिछले कुछ वर्षों से कम उम्र की लड़कियों में स्तन कैंसर के मामले ज्यादा देखे गए हैं। कुल मरीजों में करीब 30 फीसदी 30 से 40 साल के मरीज होते हैं। सर्जिकल डिसिप्लिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. वी. के. बंसल ने कहा कि स्तन कैंसर के इलाज के लिए शोध कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बेहतर सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि मामले जितने जल्द सामने आएंगे। इलाज उतना ही प्रभावी हो सकेगा। वहीं डॉ. अतुल बत्रा ने कैंसर कीमोथेरेपी के विकास पर जानकारी दी।

50-60 फीसदी मामलों में स्तन की समस्या करती हैं प्रभावित
स्तन में होने वाली समस्याओं की रोकथाम के लिए एम्स ने स्तन स्थितियों पर जागरूकता (एबीसी) कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत विशेष क्लीनिक भी चलाए जा रहे हैं। बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मनीष सिंघल ने कहा कि 50-60 फीसदी मामलों में स्तन की समस्या महिलाओं को उनके जीवनकाल में कभी न कभी प्रभावित करती हैं। देखा गया है कि इनमें से केवल 10 फीसदी ही उपचार करवाती हैं। देश में करीब 32 फीसदी महिलाएं स्तन जांच से होने वाली शर्मिंदगी के कारण परामर्श से बचती हैं। जबकि इनके सभी प्रकार के रोग का इलाज उपलब्ध है।

सर्जरी से दूर हो सकती है समस्या
स्तन के असामान्य आकार इसमें बड़े स्तन, स्तनों की विषमता, स्तनों का अत्यधिक ढीला होना, छोटे स्तन, संकुचित ट्यूबरस स्तन, स्तन कैंसर की सर्जरी के दौरान हटाए गए स्तन को फिर से लगाने सहित दूसरे मामले में सर्जरी व अन्य माध्यम से इलाज हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ महिलाओं के स्तन में गांठ हो सकती है। पाया गया है कि 90 फीसदी गांठ कैंसर रहित होती है, लेकिन जांच जरूर करवानी चाहिए।

30 फीसदी तक बढ़ी सर्जरी
डॉ. शिवांगी साहा ने बताया कि सुविधा उपलब्ध होने के बाद प्लास्टिक सर्जरी की मांग 30 फीसदी तक बढ़ी है। इसकी मदद से स्तन की सभी तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।