
रायपुर, 19 मार्च।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारा संकल्प दृढ़ है, इरादे बुलंद हैं और लक्ष्य स्पष्ट है। वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की संकल्पना को साकार करने हम निरंतर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
श्री साय ने आज विधानसभा में स्वयं से सीधे संबंधित विभागों की वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 19,643 करोड़ 78 लाख 42 हजार रुपए की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ की प्रगति और विकासशील छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने की ओर ले जाने वाला बजट है। हमने अपने अधीन सभी विभागों में जनकल्याण और विकास के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और इसके लिए बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक राशि का प्रावधान किया है।
श्री साय ने कहा कि पिछले सवा साल से लगातार छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का पहला बजट ‘ज्ञान’ अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति को समर्पित था। इस वर्ष का बजट ‘ज्ञान के लिए गति’ पर आधारित है, जिसका अर्थ गुड गवर्नेंस, एक्सेलरेटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ है।
उन्होने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की मूल जड़ मैनुअल फाइल प्रणाली को खत्म करने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली आगामी 1 अप्रैल से लागू होगी। ई-ऑफिस के लिए बजट में 22 करोड़ 67 लाख रुपए का प्रावधान है। अब फाइलें कंप्यूटर पर चलेंगी और तय समय सीमा में उनका निपटारा होगा।
श्री साय ने कहा कि सुशासन को बढ़ावा देने के लिए अनूठी पहल करते हुए हमने सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की है। प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार के लिए नवगठित ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ को 74.37 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लोक प्रशासन में उत्कृष्टता हेतु मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना के लिए 1 करोड़, नवाचार प्रोत्साहन हेतु 4 करोड़, मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना के लिए 7.20 करोड़, तथा अटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड के लिए 12 करोड़ रुपए का बजट है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश की जनता को परिवहन से संबंधित सुगम सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। परिवहन विभाग के लिए कुल 209 करोड़ 50 लाख रुपए का बजट रखा गया है। प्रदेश में ‘लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ सुनिश्चित करने के लिए ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां आवागमन सुविधा नहीं है, ग्रामीण बस सेवा प्रारंभ की जाएगी, जिसके लिए 25 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। इससे ग्रामीण अपने रोजमर्रा के कार्य, शिक्षा व इलाज के लिए आसानी से आ-जा सकेंगे, आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्रथम चरण में बस्तर एवं सरगुजा संभाग का चयन इस योजना के लिए किया जाएगा। रायपुर में आधुनिक ड्राइविंग लाइसेंस केंद्र हेतु 1.33 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
उन्होने कहा कि प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने अगले 5-7 वर्षों में करीब 3 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। परमाणु ऊर्जा में 80 हजार करोड़ से 4200 मेगावाट, ताप विद्युत में 1 लाख 7 हजार 840 करोड़ से 12,100 मेगावाट, सौर ऊर्जा में 10 हजार करोड़ से 2500 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं लगेंगी। आगामी वर्ष में 50 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे।
श्री साय ने कहा कि रोजगार के बेहतर अवसर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा के बजट में 50 प्रतिशत वृद्धि करते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,822 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों जैसे करडेगा, फरसाबहार (जशपुर), नगरनार, किलेपाल (बस्तर), ग्राम कंतेली (मुंगेली) एवं रामकृष्ण मिशन आश्रम (नारायणपुर) में नवीन महाविद्यालय स्थापना हेतु 6 करोड़ रुपए का प्रावधान है। रायगढ़ में नवीन संगीत महाविद्यालय तथा शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय की स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
उन्होने कहा कि पर्यटन के लिए कुल 222 करोड़ रुपए का बजट है। श्रीरामलला दर्शन योजना हेतु 36 करोड़, होमस्टे सुविधा हेतु 5 करोड़, शक्ति पीठ परियोजना हेतु प्रथम चरण में 5 करोड़, तथा एडवेंचर टूरिज्म विकास हेतु 5 करोड़ रुपए रखे गए हैं। रायपुर में कन्वेंशन सेंटर एवं फिल्म सिटी निर्माण हेतु केंद्र से 147.66 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है, जिसमें से 50.20 करोड़ इस वर्ष प्राप्त होंगे।
श्री साय ने कहा कि धार्मिक न्यास विभाग के लिए 49.30 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है। छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट योजना अंतर्गत अन्य राज्यों में भूमि क्रय कर धर्मशाला निर्माण हेतु 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
उन्होने कहा कि पत्रकारों के एक्सपोजर विजिट हेतु दो करोड़, वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि को 20 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है। रायपुर प्रेस क्लब के रिनोवेशन हेतु एक करोड़ रुपए आवंटित हैं। बस्तर और सरगुजा में पर्यटन प्रचार हेतु 8 करोड़, जनजातीय आयोजनों के प्रचार हेतु 19 करोड़ रुपए का प्रावधान है। पुनर्वास योजनाओं हेतु 2.86 करोड़ रुपए का प्रावधान है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत कुल 208.50 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
श्री साय ने कहा कि हर वर्ग के उत्थान के लिए बजट में समुचित प्रावधान है। सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।