कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण से आए माल्टा के प्रचार के चक्कर में भावुक हो गए। बोले, गैरसैंण के लिए मैंने कुछ सपने देखे और दिखाए भी थे। लेकिन आज देख रहा हूं कि गैरसैंण व उत्तराखंडियत के अपमान के साथ राज्य में पलायन, कुव्यवस्था, भ्रष्टाचार और लूटपाट का बोल बाला है।
बेरोजगारी चरम पर है, नशे से युवा बर्बाद हो रहे हैं। हरीश रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मैंने अपने कार्यकाल में गैरसैंण में विधानसभा भवन, विधायक निवास बना, सचिवालय के लिए निर्माण एजेंसी तय की। 50 करोड़ स्वीकृत किए। 500 भवनों के लिए स्थान का चयन किया।
मैं राजनीति करने में चूक गया
गैरसैंण-चौखुटिया विकास परिषद का गठन करने के साथ ही भराड़ीसैंण टाउनशिप के विकास के लिए एक संस्था का गठन किया। लेकिन मैं राजनीति करने में चूक गया। यदि मैंने भाजपा के तरीके से हवाई राजधानी घोषित कर दी होती, तो भाजपा के ट्रॉलर्स को जुम्मे की नवाज, मुस्लिम यूनिवर्सिटी, छठ की छुट्टी याद नहीं आती।
भाजपाई ट्रॉलर्स मेरे ऊपर दनादन
उत्तराखंड की 25 साल की यात्रा में लगभग तीन वर्ष मुख्यमंत्री के रूप में काम करने का मुझे मौका मिला। वह भी ऐसे समय में जब सारा राज्य आपदा से ग्रसित था और अर्थव्यवस्था चौपट हो गई थी। यदि मेरी सेवाओं में कुछ कमी रह गई है तो मैं उसकी भरपाई माल्टा, गन्ना, नींबू, गेठी, गुड़, काफल, सकरगंधी, बिच्छू घास के साथ कर रहा हूं। इतना जरूर है कि मैं माल्टा और काफल ब्रांड की शराब नहीं बिकवा पाया। इसलिए भाजपाई ट्रॉलर्स मेरे ऊपर दनादन है।
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