
बीजापुर 14 मई।छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादी गढ़ माने जाने वाले करेगुट्टालू पहाड़ी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा संयुक्त रूप से 21 अप्रैल से 11 मई तक चलाए गए 21 दिवसीय व्यापक नक्सल विरोधी अभियान में कुल 31 वर्दीधारी माओवादी मारे गए, जिनमें 16 महिलाएं शामिल हैं।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक जी.पी.सिंह एवं छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अरूणदेव गौतम ने आज यहां संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में यह जानकारी दी।उन्होने बताया कि अभियान के दौरान माओवादियों के 216 ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त किया गया तथा भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री जब्त की गई।
उन्होने बताया कि यह अभियान छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया गया।इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को समाप्त कर राज्य के विकास को गति देना है। करेगुट्टालू पहाड़ी, जो छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना के मुलुगू जिले की सीमा पर स्थित है, को माओवादी संगठन वर्षों से अपनी सुरक्षित शरणस्थली के रूप में उपयोग कर रहे थे। इस 60 किलोमीटर लंबे और अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल यूनिट सहित लगभग 300-350 माओवादी सक्रिय थे। यहां से देसी हथियार, आईईडी और बीजीएल शेल तैयार किए जा रहे थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान माओवादियों की 4 तकनीकी इकाइयों को भी नष्ट किया गया, जहाँ से 4 लेथ मशीनें, 450 नग आईईडी, 818 बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इसके अतिरिक्त राशन, दवाइयां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद हुईं। लगातार 21 दिनों तक चले इस अभियान में कुल 21 मुठभेड़ें हुईं। 3 शव 24 अप्रैल, 1 शव 5 मई, 22 शव 7 मई और 5 शव 8 मई को बरामद किए गए।
उन्होने बताया कि अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के 18 जवान आईईडी विस्फोटों में घायल हुए। हालांकि सभी जवान खतरे से बाहर हैं और उन्हें बेहतर इलाज प्रदान किया जा रहा है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के बावजूद जवानों ने साहस और धैर्य के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।