प्रयागराज में स्थित मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने कार्यकाल पूरा होने से डेढ़ साल पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई थी। इसके पहले उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर भी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में शिकायत की जा चुकी है।
मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। अचानक उनके इस्तीफे ने हर किसी को चौंका दिया है। इसे लेकर कई तरह की अटकलें हैं। खास बात है बीते दिनों संस्थान के औद्योगिक क्षेत्र के मामले में उद्यमियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से उनकी शिकायत की थी। इससे पहले उनकी अर्हता को लेकर भी शिकायत की जा चुकी है।
जनवरी 2022 में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास में बायोटेक्नोलॉजी विभाग में तैनात रहे प्रो. रमाशंकर वर्मा को पांच वर्ष के लिए एमएनएनआईटी का निदेशक नियुक्त किया था। लेकिन, कार्यकाल पूरा होने के डेढ़ साल पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। देर शाम निदेशक प्रो. आरएस वर्मा ने बातचीत में इस्तीफे की बात स्वीकार की। साथ ही व्यक्तिगत कारण का हवाला दिया।
इससे पहले एमएनएनआईटी के औद्योगिक क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। संस्थान के औद्योगिक क्षेत्र में संचालित 50 कारखानों को खाली करने का नोटिस दिया गया था। इस औद्योगिक परिसर को खाली कराने के एमएनएनआईटी प्रशासन के निर्णय के खिलाफ भाजपा के कुछ जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से शिकायत की थी। बताया गया था कि औद्योगिक क्षेत्र में 68 शेड बनाए गए हैं। इनमें से करीब 50 कारखाने अब भी चालू हालत में हैं। इन कारखानों से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर 10 हजार से अधिक लोग रोजगार से जुड़े हैं। ऐसे में इसे खाली कराना उचित नहीं होगा।
1977 में इविवि के संघटक कॉलेज से किया था स्नातक
प्रो. वर्मा मूलरूप से फतेहपुर जनपद के अशोथर इलाके के रहने वाले हैं। उन्होंने 1975 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के संघटक कॉलेज इविंग क्रिश्चियन कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की है। 1977 में इविवि से एमएससी की पढ़ाई के दौरान वह डायमंड जुबली छात्रावास में रहे। 1978 में वह झांसी के एमएलबी मेडिकल कॉलेज में डिमांस्ट्रेटर के पद पर नियुक्त हुए और 2004 में वह मद्रास आईआईटी पहुंचे।