रायपुर 06 फरवरी।छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी पंडरी स्थित राज्य की एक मात्र हाट बाजार को तोड़कर शापिंग काम्पलेक्स निर्माण के निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह राज्य के समृद्ध शिल्पकारो के साथ अन्याय है।
श्री अग्रवाल ने आज यहां जारी बयान में कहा कि रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा हस्तशिल्प बोर्ड को वह जमीन लीज पर दी गई थी। हस्तशिल्प बोर्ड ने उस जमीन पर प्रदेश का पहला हाट बाजार का निर्माण किया गया। गरीब हस्त शिल्पियों द्वारा निर्मित उत्पादों के विक्रय हेतु एक मात्र बाजार है जिसमें प्रदेश भर के गरीब शिल्पकार अपने द्वारा निर्मित सामग्री का विक्रय कर अपने जीवकोपार्जन करते है एवं रोजगार सृजन करते हैं। इस हाट बाजार में सिर्फ शिल्प मिलते ही नहीं बल्कि नवोदित शिल्पकारों को प्रशिक्षण भी मिलता है एवं शिल्प से जुड़े राष्ट्रीय आयोजन भी होते हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि पूरा देश जब हस्तशिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराकर उनके उत्पाद को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास में लगा है ऐसे समय में हस्तशिल्पियों से रोजगार के साधन छिनना उनका बाजार बंद करना, सीधे-सीधे अन्याय है।उन्होने कहा कि पंडरी हाट बाजार छत्तीसगढ़ की पारम्परिक शिल्पकला को सहेजने के लिए और शिल्पकारों को रोजगार प्रदान करने के लिए, शिल्पकारों को अच्छा बाजार मिले यह सोंचकर शहर के मध्य भीड़ बाजार वाले इलाके में इस बाजार का निर्माण कराया गया था जिससे बाजार में आने वाले व शहर भर के नागरिक हाट बाजार में आ सके व शिल्पकारों के कला का महत्व मिल सके। छत्तीसगढ़ सरकार का शिल्प कला व शिल्पकारो को रौंदने वाला यह निर्णय है।