अभी तक इसमें इलाज करवाने की उम्र 65 साल थी। उम्र में पांच साल की राहत देने के बाद बड़ी संख्या में बुजुर्गों को आसानी से इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
एम्स के राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र (एनसीए) में बुजुर्ग 60 साल की उम्र के बाद इलाज करवा सकेंगे। अभी तक इसमें इलाज करवाने की उम्र 65 साल थी। उम्र में पांच साल की राहत देने के बाद बड़ी संख्या में बुजुर्गों को आसानी से इलाज की सुविधा मिल सकेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गाें में एक उम्र के बाद समस्याएं बढ़ जाती हैं। इन समस्याओं को देखते हुए एम्स में विशेष सुविधा विकसित की गई है। इसमें एक छत के नीचे बुजुर्ग को हर विभाग की सुविधाएं मिल जाती हैं। जेरियाट्रिक मेडिसिन, आर्थोपेडिक, मनोचिकित्सा सहित कई विभागों की ओपीडी शामिल हैं।
एम्स के मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डाॅ. निरुपम मदान ने आदेश जारी कर एनसीए में इलाज के लिए उम्र की सीमा को घटाकर 60 वर्ष करने का आदेश जारी किया है। इस केंद्र में 200 बिस्तर की क्षमता है। करीब ढाई साल पहले इसे शुरू किया गया था। इसमें अभी तक 65 वर्ष अधिक उम्र के बुजुर्गों का इलाज हो रहा था।
इससे कम उम्र के बुजुर्ग को दूसरे विभागों में जाना पड़ता था। बुजुर्गों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) में भी 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र वाले लोग शामिल किए गए हैं। इस वजह से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश और एम्स निदेशक की स्वीकृति से एनसीए में इलाज के लिए अधिकृत मरीजों की न्यूनतम उम्र 60 वर्ष निर्धारित कर दी गई है। एम्स ने मरीजों की सुविधा के लिए पहले की तरह एम्स के मुख्य अस्पताल सहित अन्य सेंटर में भी इलाज का विकल्प बरकरार रखा गया है।
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