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भीड़ का धक्का आया…भगदड़ मची, फिर खुद को अस्पताल में पाया; श्रद्धालुओं ने बयां की भयावहता

पीछे से भीड़ का धक्का आया और अचानक भगदड़ मच गई। नीचे दब गए और घुटन होने लगी और फिर बदहवास हो गए। जब होश आई तो खुद को अस्पताल में पाया। भीड़ और भगदड़ का वो मंजर जेहन में आते ही दहशत बन जा रही है। हादसे का भयावह मंजर बताते हुए अस्पताल में भर्ती श्रद्धालु सहमे हुए दिखाई दिए।

फरीदाबाद से आईं गायत्री ने बताया कि वह मंदिर से कुछ ही दूरी पर थीं जब अचानक करंट फैलने की अफवाह सुनाई दी। इसके बाद लोगों ने ऊपर सीढ़ियों से नीचे की ओर धक्का देना शुरू कर दिया, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। इसके बाद उन्हें सीधे अस्पताल में ही होश आया।

दिल्ली से आए कुलदीप ने भगदड़ के मंजर को खौफनाक बताया। कहा कि वह इसे जीवन भर नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने बताया कि सीढ़ियों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद थी और अचानक लोग भागने लगे, जिससे मंदिर में दर्शन के लिए आने-जाने वाले श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई।

कुलदीप ने यह भी बताया कि उन्होंने मौके पर चार लोगों को मृत पड़े देखा था, जिसके बाद उन्हें कुछ याद नहीं। इस घटना में घायल हुए अन्य लोगों में छपरा, बिहार की गायन्ति देवी, पश्चिम बंगाल की रीना देवी, और आरती शामिल हैं। इन सभी का उपचार अस्पताल में चल रहा है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति में पहले से सुधार है।

मनसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़, आठ श्रद्धालुओं की मौत
मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार की सुबह नौ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में एक 12 साल के बालक सहित आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 30 लोग घायल हो गए। भीड़ के बीच कुछ दूरी पर फंसे एक चश्मदीद ने भी भीड़ का दबाव बढ़ने पर रास्ते में दीवारों पर लगी बिजली तारें पकड़ने पर करंट लगने का दावा किया है।

मार्ग पर बनी दीवार पर तारें पकड़कर श्रद्धालु आगे की तरफ बढ़ रहे थे और करंट लगने के बाद भगदड़ मच गई। फरीदाबाद से आए संतोष कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक ही मार्ग से लोग आ और जा रहे थे।

डीएम ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुंचकर घायलों का हाल जाना। मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये आर्थिक सहायता की घोषणा की।

एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के मुताबिक, रविवार सुबह नौ बजे सूचना मिली कि मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर भगदड़ मचने से कुछ लोग घायल हो गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां आठ श्रद्धालुओं को मृत घोषित कर दिया गया।

गंभीर घायलों को एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। एसएसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया सामने आया कि बिजली के तार में करंट आने की अफवाह फैली थी, जिसके बाद भगदड़ मच गई। अभी इसके पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।

भगदड़ में इन श्रद्धालुओं की गई जान
आरूष (12) पुत्र पंकज उर्फ प्रवेश निवासी सौदा बरेली, यूपी
विक्की पुत्र (18) रिक्का राम सैनी निवासी ग्राम विलासपुर कैमरी रोड नगलिया कला माजरा रामपुर यूपी
विपिन सैनी (18) पुत्र रघुवीर सिंह सैनी निवासी वसुवाखेरी काशीपुर उत्तराखंड
शांति (60) पत्नी रामभरोसे बदायूं यूपी
राम भरोसे (68) पुत्र रघु, दातागंज, जिला बदायूं उत्तर प्रदेश
वकील (45) पुत्र भरत सिंह निवासी मौहतलवाद जिला बाराबंकी यूपी
शकल देव (18) पुत्र बेचान निवासी अररिया बिहार
विशाल (19) पुत्र नंदन मौर्य, रामपुर उत्तर प्रदेश

ये घटना बेहद दुखद है। मजिस्ट्रियल जांच के आदेश हो चुके हैं। मृतकों को दो लाख की आर्थिक सहायता की राशि विवेकाधीन कोष से देने की घोषणा की गई है। इस हादसे को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। कयासबाजी से कोई लाभ नहीं है। सभी को धैर्य रखना चाहिए। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि आखिर ये हादसा कैसे हुआ। अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। – विनय शंकर पांडेय, आयुक्त, गढ़वाल मंडल

प्रथम दृष्टया अफवाह फैलाई गई थी कि बिजली का तार टूटा और करंट फैला है। मगर जिनकी मौत हुई हैं, उनमें करंट जैसी कोई बात सामने नहीं आई। ये अफवाह किसने फैलाई इस पूरे प्रकरण को लेकर मजिस्ट्रियल जांच भी की जाएगी। -मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, हरिद्वार