प्रयागराज में चेतावनी बिंदु को पार करने के बाद गंगा-यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर पहुंच गया है। प्रयागराज और कौशांबी में 250 से अधिक गांव और मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इनमें ज्यादातर गांव-मोहल्ले प्रयागराज के हैं।
यूपी के प्रयागराज में गंगा और यमुना ने और विकराल रूप धारण कर लिया है। खतरे का निशान 84.734 मीटर पार करने के बाद गंगा और यमुना का जलस्तर 86 मीटर के पार पहुंच गया है। उफान अभी जारी है। स्थिति काफी भयावह होती जा रही है।
शहर के कई कछार के बाद अब शहर के कई पॉश इलाके भी बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। प्रशासन राहत बचाव कार्य में जुट गया है। जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो 1978 का रिकॉर्ड टूट सकता है। सोमवार को यमुना नदी का नैनी में 86.04 (+50) और गंगा नदी का फाफामऊ में 86.03 (+54) जलस्तर रिकॉर्ड किया गया।
आवागमन के साथ पढ़ाई-लिखाई ठप
180 से अधिक मोहल्ले और गांवों में बिजली आपूर्ति और पठन-पाठन बाधित हो गया है। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से हाई अलर्ट घोषित किया गया है। दूसरी ओर प्रयागराज और कौशाम्बी में झमाझम बारिश हुई। प्रयागराज में ही करीब 62 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इससे कौशाम्बी में तीन स्थानों पर कच्चे मकान ढह गए।
इनकी चपेट में आने से प्रेमा देवी व उनकी बेटी साधना समेत तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि पांच लोग घायल हो गए। गंगा-यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने से शहरी क्षेत्र का यमुना बैंक रोड, यमुनापार का लेड़ियारी और गंगापार का गोड़वा उपकेंद्र जलमग्न हो गया है।
20 से अधिक ट्रांसफॉर्मर बाढ़ की चपेट में हैं। इससे जिले के 180 से अधिक मोहल्लों व गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। विद्युत विभाग ऊंचाई पर बने मकानों में दूसरी लाइन से आपूर्ति करने के प्रयास में जुटा है। रविवार को तेज बारिश से गंगा-यमुना नदियां उफान पर आ गईं।
इन जगहों पर बिजली प्रभावित
इससे हनुमान मंदिर दारागंज, छोटा बघाड़ा, मक्का मस्जिद, गड्ढा कॉलोनी, नेवादा, गंगानगर, पत्रकार कॉलोनी कछार, हड्डी गोदाम, सर्कुलर रोड स्थित गली नंबर 21, राजापुर ओम गायत्री नगर, सलोरी, करेलाबाग कछार, म्योराबाद कछार, आजाद नगर करेली, मोरी, भरद्वाज गंगा कछार, शम्सनगर, जेके नगर आदि मोहल्लों के ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हुए।
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