चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने एक दूसरे के साथ कई मुद्दों पर चर्चा की है। वहीं इस बैठक के बाद चीन ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वह उर्वरक, रेयर अर्थ और टनल बोरिंग मशीनों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।
भारत और चीन के रिश्तों में नया मोड़ आया है। चीन ने भारत को भरोसा दिलाया है कि वह उर्वरक, रेयर अर्थ और टनल बोरिंग मशीनों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। यह आश्वासन चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को दिया। बता दें कि चीन के विदेश मंत्री सोमवार को दो दिन के दौरे पर भारत पहुंचे हैं। इस दौरान दोनों नेताओं की बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, धार्मिक यात्राएं, लोगों के बीच संपर्क, नदियों का डाटा साझा करना, सीमा व्यापार और आपसी सहयोग जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई।
प्रतिबंधात्मक नीतियों से बचना जरूरी- जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन जैसे बड़े पड़ोसी देशों के बीच रिश्ते कई पहलुओं वाले हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि व्यापार में रोड़े और प्रतिबंधात्मक नीतियों से बचना जरूरी है। जयशंकर ने यह भी कहा कि स्थिर और सकारात्मक रिश्ते दोनों देशों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगे।
प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने इस दौरान साफ कहा कि फर्क को विवाद नहीं बनने देना चाहिए और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने वांग यी की यात्रा को रिश्तों की समीक्षा और वैश्विक हालात पर बातचीत का सही अवसर बताया। बता दें कि भारत-चीन संबंध 2020 में पूर्वी लद्दाख की एलएसी पर चीनी सेना की गतिविधियों से बिगड़ गए थे। हालांकि हाल के महीनों में दोनों देशों ने तनाव कम करने और गश्त को लेकर समझौता किया है।
‘वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बढ़ाने की जरूरत’
इस बीच दुनिया भर में बदलते हालात, यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी व्यापार शुल्कों के बीच जयशंकर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बढ़ाने की जरूरत है। वांग यी की यह यात्रा इसलिए भी अहम है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महीने के अंत में चीन के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा सकते हैं।
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