
रायपुर 19 अगस्त।छत्तीसगढ़ के लगभग 21 माह पुराने साय मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार कल हो रहा है।इसमें तीन नए मंत्री शामिल किए जाने की संभावना है।
राज्यपाल रमेन डेका कल साढ़े 10 बजे राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवायेंगे।जिन नए मंत्रियों को शपथ दिलवाने की संभावना है उनमें अम्बिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल,आरंग से विधायक खुशवंत साहब एवं दुर्ग से विधायक गजेन्द्र यादव के नाम सामने आए है।
साय मंत्रिमंडल में पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान रायपुर दक्षिण से विधायक एवं शिक्षा मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुने जाने के बाद इस्तीफे से एक पद रिक्त हुआ था जबकि दो पद पहले से ही रिक्त रहे हैं।मंत्रिमंडल के विस्तार की खबरें पिछले कई महीने से चलती रही और कई नाम हवा में उछलते रहे,लेकिन किन्ही न किन्ही कारणों से नामों पर सहमति नही बन पाने के कारण यह टलता रहा।
रमन सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्री अमर अग्रवाल,अजय चन्द्राकर एवं राजेश मूणत को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को लेकर काफी कयास कुछ महीने पहले तक चलता रहा ।कहा जाता था कि अमर अग्रवाल के नाम को ऊपर से भी हरी झंडी थी और उन्होने बिलासपुर संभाग में पार्टी के निर्देश पर विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में आर्थिक मदद भी प्रत्याशियों की थी।चर्चा रही हैं कि विधानसभा अध्यक्ष डा.रमन सिंह रायपुर पश्चिम से विधायक राजेश मूणत की पैरवी करते रहे है,जबकि संघ एवं संगठन खेमे की रूचि किसी भी वरिष्ठ नेता के मंत्रिमंडल में शामिल करने के पक्ष मे नही थी।
फिलहाल जिन विधायकों के मंत्री बनाए जाने की संभावना हैं,तीनों पहली बार के विधायक है।अम्बिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल ने कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं उप मुख्यमंत्री डी.एस.सिंहदेव को अप्रत्याशित रूप से शिकस्त दी थी जबकि आरंग से विधायक खुशवंत साहब सतनामी समाज के धर्मगुरू बालदास के पुत्र है और उन्होने भूपेश सरकार के कद्दावर मंत्री डा.शिव डहरिया को शिकस्त दी थी।दुर्ग से विधायक गजेन्द्र यादव के पिता संघ के वरिष्ठ नेता रहे है,उन्होने वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरूण वोरा को शिकस्त दी थी।
साय मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका देने तथा पार्टी संगठन में भी वरिष्ठ लोगो को दरकिनार किए जाने से काफी रोष है।उनका मानना है कि जानबूझकर कुछ लोग वरिष्ठ लोगो को किनारे लगा रहे है।देखना हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद यह रोष सामने आयेगा या फिर लोग चुप ही रहेंगे।