उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना व अन्य नदियों का बढ़ा जलस्तर लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। अलीगढ़, बरेली, हाथरस, मथुरा व अन्य कई जिलों में पानी आबादी में घुस गया है। प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद कर रहा है।
शाहजहांपुर में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बरेली मोड़ ओवरब्रिज के नीचे से लेकर मौजमपुर गांव तक करीब डेढ़ किमी दूरी तक पानी करीब दो फुट और तेज बहाव से बह रहा है। इससे वाहनों के आवागमन में दिक्कत हो रही है। शाम को बहाव और तेज हो गया। इससे दो पहिया वाहन और हल्के वाहन ऑटो और टेंपो का संचालन बंद हो गया। इसकी वजह से राहगीरों को काफी परेशानी हुई। लोगों को पानी से पैदल निकलना पड़ा।
एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार ने बताया कि दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पानी के बहाव को देखते हुए टीमों को सतर्क कर दिया गया है। पीएसी की फ्लड यूनिट को हाईवे पर लगाया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और हर संभव मदद के निर्देश दिए।
लखीमपुर में नाव शारदा नदी में पलटी… पिता-पुत्री लापता
लखीमपुर खीरी के नौव्वापुर घाट के पास शनिवार सुबह 8.00 बजे नौव्वापुर गांव के 20 लोगों से भरी नाव शारदा नदी में पलट गई। बाकी लोगों को तो बचा लिया गया, मगर कैलाश (40) और उनकी बेटी सीमा (15) का कुछ पता नहीं चला। एनडीआरएफ की टीम के तलाश में जुटने के बावजूद देर शाम तक सफलता नहीं मिली। प्रशासन अब रविवार को तलाश कराएगा। ये सभी लोग नदी पार रखही गांव से बाढ़ राहत सामग्री लेने जा रहे थे।
फिलहाल मौसम में नहीं होगा बड़ा बदलाव
प्रदेश में मौसम में बहुत बड़े बदलाव के संकेत नहीं हैं। रविवार को भी शनिवार जैसा ही मौसम रहने की उम्मीद है। शनिवार को तापमान में आंशिक बढ़ोतरी और हवा न चलने से लोगों को गर्मी और उमस का अहसास हुआ। बादलों की आवाजाही लगी रही। मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि रविवार को भी इसी तरह का मौसम रहने की उम्मीद है। बादलों की आवाजाही के बीच छिटपुट बारिश हो सकती है। रविवार की तराई क्षेत्र में बादलों की आवाजाही के बीच बारिश की संभावना अधिक है।
प्रयागराज-वाराणसी में भी खतरा बढ़ा
प्रयागराज और वाराणसी में गंगा-यमुना का जलस्तर 82 मीटर को पार करने के साथ ही बाढ़ का पानी बस्तियों के करीब पहुंच गया है। अफसरों के अनुसार जलस्तर 84 मीटर तक पहुंच सकता है। यानी शहर का बड़ा इलाका एक बार फिर बाढ़ की चपेट में होगा। वहीं, वाराणसी में यमुना नदी में बाढ़ से सीजन में तीसरी बार गंगा का जलस्तर बढ़ा है। एक बार फिर दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस चौकी में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसी तरह अस्सी घाट का सुबह ए बनारस मंच डूब गया।
वृंदावन में कालिंदी का कहरः सड़कों व गलियों में भरा पानी
लोगों की जीवनदायनी यमुना नदी इन दिनों अपना विकराल रूप धारण किए है। नदी के जलस्तर में आई अप्रत्याशित वृद्धि के कारण पूरे शहर में पानी भर गया है। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग में डाई कोस तक जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर की प्रमुख गलियां और मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। बारहघाट से लेकर कालीसह मार्ग, जुगालघाट, शृंगारवट, चीरघाट जाने वाले मार्ग पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
अलीगढ़: यमुना के बाद गंगा में उफान, 10 गांवों तक पहुंचा पानी
अलीगढ़ के नरौरा से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा में भी बाढ़ के हालात बन गए हैं। करीब 10 गांवों में आबादी तक पानी पहुंच गया है। यमुना खादर में भी करीब 12 गांव शनिवार को पानी से घिरे रहे।
सर्वाधिक प्रभावित गांव महाराजगढ़ और शेरगढ़ से अब तक 1200 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। शनिवार सुबह महाराजगढ़ गांव के अंदर मकानों में करीब पांच-सात फुट पानी घुस गया। घरों की दीवारों से पानी का रिसाव और मकान गिरने की आशंका है। हाथरस जिले में बाढ़ के पानी ने मुश्किल बढ़ा दी है। खतरे की आशंका में लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।