
जगदलपुर, 21 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
श्री साय आज यहां वन विद्यालय परिसर में धुरवा समाज के संभाग स्तरीय नुआखाई मिलन समारोह और नवनिर्मित सामाजिक भवन “ओलेख” के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने धुरवा समाज के लिए पाँच स्थानों पर पंद्रह-पंद्रह लाख रुपये की लागत से डोम निर्माण हेतु कुल 75 लाख रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, धुरवा समाज के 36 सरपंचों द्वारा प्रस्तुत ग्राम पंचायत विकास प्रस्तावों को भी स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतीकात्मक गुड़ी में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और धुरवा समाज के वीर नायक शहीद गुंडाधुर को नमन किया। उन्होंने कहा कि नुआखाई समारोह हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह परंपरा हमें सिखाती है कि किसी भी अनाज या फल को ग्रहण करने से पहले देवी-देवताओं को अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने धुरवा समाज को सामाजिक भवन “ओलेख” के लोकार्पण की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह भवन समाज की गतिविधियों, सभा-सम्मेलनों और सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
श्री साय ने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि अटल जी ने जनजातीय समाज की प्रगति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार में पृथक जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया। आज जब छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष मना रहा है, तब अटल जी की जन्मशताब्दी को अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाना हम सबके लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने विशेष आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की भूमिका का उल्लेख करते हुए बताया कि बस्तर और सरगुजा संभाग के विकास के लिए इन प्राधिकरणों की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा की गई थी, ताकि योजनाओं से इतर भी विशेष जरूरतों के अनुसार विकास कार्य कराए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बस्तर के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में नियत नेल्लानार योजना के माध्यम से सड़क, पुल-पुलिया, बिजली, पानी, आवास और राशन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है। “हर पात्र व्यक्ति तक जनहितकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है,” उन्होंने जोड़ा।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी धुरवा समाज को नुआखाई मिलन समारोह की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि पूर्वजों की परंपराओं का निर्वहन और संरक्षण समाज की एकता व संस्कृति को सुदृढ़ बनाता है और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है।