कोरबा जिले के बालको एल्यूमिनियम प्लांट में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। यहां करीब 20 साल पुराना इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ESP) संयंत्र अचानक गिर गया। गनीमत रही कि घटना के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि नहीं हुई। हादसे के बाद प्लांट परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
जानकारी के मुताबिक यह संयंत्र 2004-05 में सेपको कंपनी द्वारा बनाया गया था। कर्मचारियों का आरोप है कि उद्योगपतियों के दबाव में श्रम विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है।
गौरतलब है कि बालको प्लांट में इससे पहले भी 2009 में निर्माणाधीन चिमनी गिरने का बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 45 मजदूरों की मौत हुई थी। उस हादसे में भी सेपको कंपनी जिम्मेदार ठहराई गई थी और मामला अब भी अदालत में लंबित है।
फिलहाल इस ताज़ा घटना पर विभागीय स्तर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन हादसे ने एक बार फिर से प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था और श्रम विभाग की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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