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PPF में पहले बढ़ी फिर घटी ब्याज दर

पीपीएफ योजना 1968 में लंबी अवधि के लिए छोटी बचत जुटाने के लिए शुरू की गई थी। मुख्यतः सेवानिवृत्ति के लिए, खासकर उन लोगों के लिए जो EPFO के दायरे में नहीं आते। इसका संचालन राष्ट्रीय बचत संस्थान द्वारा किया जाता है, जो आर्थिक मामलों के विभाग के अधीन काम करता है और जिसे भारत सरकार की राष्ट्रीय बचत योजनाओं के तहत छोटी बचत जुटाने का काम सौंपा गया है।

ये योजनाएं डाकघरों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और नामित निजी बैंकों के माध्यम से संचालित होती हैं। स्मॉल सेविंग स्कीम में डाकघर बचत खाता, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और सुकन्या समृद्धि खाता आदि शामिल हैं। लेकिन आज हम पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर के इतिहास की बात करेंगे। हम आपको बताएंगे कि आखिर 1968 में शुरू हुई पब्लिक प्रोविडेंट फंड में साल दर साल कितनी फीसदी ब्याज दर मिली।

PPF अकाउंट को न्यूनतम 500 रुपये की राशि के साथ खोला जा सकता है। 500 रुपये वह न्यूनतम जमा राशि भी है जो आपको एक वित्तीय वर्ष में जमा करनी होगी, ताकि आपका पीपीएफ खाता निष्क्रिय न हो जाए।

आप एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कर सकते हैं, जिसमें आपके नाबालिग बच्चे की ओर से खोले गए सभी खाते शामिल हैं। एक वित्तीय वर्ष में 50 रुपये के गुणकों में कितनी भी जमा राशि जमा की जा सकती है।

PPF Interest Rate History: पीपीएफ ब्याज दर इतिहास, 1968 से लेकर 2025 तक
निवेश के एक विकल्प के रूप में विचार करते समय सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक, PPF की ब्याज दर का इतिहास है, जिससे अपेक्षित रिटर्न का अंदाजा लगाया जा सकता है। पीपीएफ ब्याज दर का इतिहास महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव दर्शाता है, जो 1968 में 4.8% से शुरू होकर 1986 और 2000 के बीच 12% के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।