
शिमला, 07 अक्टूबर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम एक भीषण भूस्खलन की चपेट में आने से एक निजी बस पूरी तरह मलबे में दब गई। हादसे में कम से कम 18 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लोगों को जिंदा बचा लिया गया है। बस में कुल 30 से अधिक यात्री सवार थे।
यह दर्दनाक घटना झंडूता विधानसभा क्षेत्र के भालूघाट (भल्लू पुल) के पास हुई, जब बस हरियाणा के रोहतक से हिमाचल के घुमारवीं की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि अचानक पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर बस पर गिर पड़ा, जिससे बस पलभर में मलबे में दब गई।
राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया गया। अब तक 18 शवों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। तीन घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अधिकारियों के मुताबिक, पहाड़ से गिरे मलबे की मात्रा बहुत अधिक है, जिससे राहत कार्य में कठिनाई आ रही है, लेकिन बचाव अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा, “यह एक हृदयविदारक हादसा है। हम सभी प्रभावित परिवारों के दुख में साझेदार हैं। राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुई दुर्घटना में जनहानि से दुखी हूं। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50,000 की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह दुर्घटना अत्यंत दुखद है और उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
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