चुनाव आयोग ने बुधवार को साफ कर दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लागू आचार संहिता यानी मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एमसीसी) केवल राज्य सरकार पर ही नहीं, बल्कि केंद्र सरकार पर भी लागू होगी। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार भी इस दौरान बिहार से जुड़े किसी बड़े एलान या नई नीति की घोषणा नहीं कर सकेगी।
बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव
आचार संहिता सोमवार को चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही लागू हो गई थी। बिहार में दो चरणों में मतदान होगा, पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को। जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।
सभी दलों को बराबरी का मौका देने की कोशिश
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा, ‘आचार संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होगी, जहां तक बिहार से जुड़ी घोषणाओं और नीतिगत फैसलों की बात है।’ इसका उद्देश्य चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बराबरी का मौका देना है।
स्थानीय प्रशासन को आयोग ने दिए सख्त निर्देश
निर्वाचन आयोग ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि नागरिकों की निजता यानी प्राइवेसी का सम्मान किया जाए। किसी भी राजनीतिक गतिविधि के लिए लोगों के घरों के बाहर धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही आयोग ने कहा है कि बिना संपत्ति मालिक की अनुमति के किसी भी निजी या सरकारी इमारत, दीवार या जमीन पर झंडे, बैनर या पोस्टर नहीं लगाए जा सकते।
निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए अधिकारियों को निर्देश
बिहार के मुख्य सचिव को भी चुनाव आयोग ने कई निर्देश दिए हैं, जिनमें सरकारी, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से सभी राजनीतिक नारेबाजी और पोस्टरों को हटाना, किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी या चुनाव से जुड़े व्यक्ति की तरफ से सरकारी गाड़ियों और सरकारी आवास का गलत इस्तेमाल रोकना, सरकारी पैसे से किसी भी प्रकार के विज्ञापन जारी करने पर रोक लगाना शामिल है। आयोग का कहना है कि इन नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से हो सकें।