
पटना, 23 अक्टूबर। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए 122 विधानसभा सीटों पर नामांकन वापसी की समय सीमा आज समाप्त हो गई। इस चरण के तहत 20 जिलों में 11 नवंबर को मतदान कराया जाएगा। नाम वापसी की अंतिम तिथि बीत जाने के साथ ही अब सभी सीटों पर उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी।
नाम वापसी के अंतिम दिन महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) के भीतर सीट समायोजन और आपसी सहमति के चलते कई उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए।
महागठबंधन में आपसी तालमेल
मधुबनी ज़िले की बाबूबरही विधानसभा सीट से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की प्रत्याशी बिंदु गुलाब यादव ने अपना नामांकन वापस लेते हुए राजद उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान किया। इसी तरह, नवादा ज़िले की वारिसलीगंज सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार सतीश कुमार मंटन ने भी राजद प्रत्याशी अनीता देवी के पक्ष में नाम वापस ले लिया।
कटिहार ज़िले के प्राणपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार तौकीर आलम ने भी राजद उम्मीदवार इशरत परवीन के समर्थन में चुनाव मैदान से हटने का निर्णय लिया।
इन कदमों को महागठबंधन की ओर से सीटों पर “वन-ऑन-वन” मुकाबले की रणनीति के तहत देखा जा रहा है, ताकि विपक्षी गठबंधन एनडीए के खिलाफ वोटों का बिखराव रोका जा सके।
पहले चरण में एनडीए का तेज प्रचार अभियान
इस बीच, पहले चरण के चुनाव को लेकर नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) ने अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सारण ज़िले के दरियापुर, मकेर और मांझी विधानसभा क्षेत्रों के अलावा वैशाली ज़िले के पातेपुर में जनसभाएं कीं।
अपनी रैलियों में नीतीश कुमार ने राज्य में किए गए विकास कार्यों को गिनाते हुए मतदाताओं से एक बार फिर एनडीए सरकार को समर्थन देने की अपील की।
महागठबंधन की संयुक्त रैलियां
उधर, महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, वीआईपी और भाकपा-माले) के नेताओं ने भी अपने साझा प्रचार अभियान को गति दी है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव सहित शीर्ष नेताओं ने कई जिलों में जनसभाओं को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार पर तीखे प्रहार किए और बेरोजगारी, महंगाई तथा भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नाम वापसी के बाद सीटों पर मुकाबला अब सीधा द्विपक्षीय होता जा रहा है, जिससे राज्य के कई हॉट सीटों पर दिलचस्प जंग देखने को मिलेगी।