
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर।निर्वाचन आयोग ने आज दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR)कराने की घोषणा की हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा करते हुए बताया कि दूसरे चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह प्रक्रिया चलेगी, उनमें शामिल हैं – अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुद्दुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
51 करोड़ मतदाता होंगे शामिल
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि इस चरण में करीब 51 करोड़ मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के दायरे में आएंगे। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में एसआईआर लागू होगी, वहां की मतदाता सूचियां आज आधी रात से “फ्रीज” कर दी जाएंगी। यानी अब किसी प्रकार का संशोधन या नाम जुड़ने-हटने की प्रक्रिया अगली अधिसूचना तक नहीं होगी।
गणना और प्रशिक्षण कल से
श्री कुमार ने बताया कि गणना प्रपत्रों की छपाई और बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) का प्रशिक्षण कल से शुरू किया जाएगा। इसके बाद गणना प्रक्रिया 4 नवंबर से एक महीने तक चलेगी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, मसौदा मतदाता सूची 9 दिसंबर को जारी की जाएगी, जबकि अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
2003 की सूची के मतदाताओं को नहीं देना होगा दस्तावेज़
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जिन मतदाताओं के नाम 2003 की मतदाता सूची में पहले से दर्ज हैं, उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी।इसी तरह, जिन नागरिकों के माता-पिता के नाम 2003 की सूची में शामिल हैं, उन्हें भी पहचान या निवास प्रमाण के अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करने होंगे।
पहले चरण में नहीं मिली कोई अपील
श्री कुमार ने बताया कि पुनरीक्षण के पहले चरण के दौरान चुनाव आयोग को किसी भी प्रकार की अपील प्राप्त नहीं हुई, जिससे संकेत मिलता है कि प्रक्रिया शांतिपूर्ण और पारदर्शी ढंग से पूरी हुई।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया के माध्यम से देशभर में मतदाता सूचियों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आगामी चुनावों में हर पात्र नागरिक को मतदान का अधिकार बिना किसी त्रुटि के मिल सके।
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