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बिहार विधानसभा चुनाव में गरमाया सियासी माहौल

पटना/गोपालगंज/दरभंगा/बेगूसराय, 1 नवम्बर।बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार ने शनिवार को जोर पकड़ लिया, जब तीन बड़े राष्ट्रीय नेताओं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अलग-अलग जिलों में चुनावी सभाओं को संबोधित किया।

  गोपालगंज में निर्धारित रैली में खराब मौसम के कारण नहीं पहुंच सके गृह मंत्री अमित शाह ने डिजिटल माध्यम से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव बिहार के भविष्य को तय करने का अवसर है। उन्होंने कहा, “एक तरफ वे लोग हैं जिन्होंने ‘जंगल राज’ की शुरुआत की थी, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी है, जिन्होंने बिहार को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया।”

   शाह ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई साधु यादव का नाम लेते हुए कहा कि अगर राजद सत्ता में लौटी तो जंगल राज वापस आ जाएगा। उन्होंने कहा कि “गोपालगंज के लोग साधु यादव के कारनामों से भलीभांति परिचित हैं और 2002 से राजद को यहां कभी वोट नहीं दिया।”

गृह मंत्री ने राजद शासन के दौरान हुए नरसंहारों का भी जिक्र किया, जब नक्सली संगठनों और जमींदारों के निजी समूहों के बीच खूनी संघर्ष हुए थे। उन्होंने सत्तारूढ़ राजग द्वारा जारी घोषणापत्र में विकास, सुरक्षा और रोजगार से जुड़े वादों को दोहराया।

उधर, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दरभंगा में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा। बिना नाम लिए उन्होंने कहा, “वे खुद जानते हैं कि अब वे मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। वे सिर्फ चुनावी दूल्हा हैं, जो दूसरों को माला पहना रहे हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी जिन्हें लेकर चुनाव लड़ा गया, उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, बिहार में भी ऐसा ही होगा।”

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बेगूसराय के बछवाड़ा में जनसभा के दौरान राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “बिहार में क्राइम चरम पर है, उद्योगपतियों की हत्या हो रही है, और हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान एक नेता की हत्या कर दी गई। ऐसी स्थिति में सरकार जवाबदेह है।”

तीनों नेताओं के बयान से बिहार का चुनावी माहौल और भी गरमा गया है। एक ओर राजग विकास और स्थिरता का दावा कर रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरने में जुटा है।