Tuesday , November 25 2025

दिल्ली में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की धमक

देश की राजधानी स्थित भारत मंडपम में शुक्रवार शाम छत्तीसगढ़ की कला, लोक संस्कृति और पारंपरिक हुनर का भव्य प्रदर्शन देखने को मिला। 44वें भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 के तहत रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ी कलाकारों ने मनमोहक लोक नृत्यों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दीप प्रज्वलन कर की। इससे पहले उन्होंने छत्तीसगढ़ पवेलियन का अवलोकन किया और वहां प्रदर्शित हस्तशिल्प, कला सामग्रियों और स्थानीय उत्पादों की सराहना की।

इस कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, जांजगीर-चांपा सांसद कमलेश जांगड़े और कांकेर सांसद भोजराज नाग के साथ बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी और दर्शक उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक गूंज सुनकर हर छत्तीसगढ़वासी गर्व महसूस करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रायपुर में देश के पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय के शुभारंभ को राज्य की सांस्कृतिक पहचान के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कला, त्यौहारों और जनजातीय परंपराओं की समृद्ध भूमि है, जहां लोक कला आज भी जीवंत रूप में संरक्षित है। मुख्यमंत्री ने कलाकारों और हस्तशिल्पियों के लिए अधिक अवसर और संसाधन उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने गौरा-गौरी, भोजली, पंथी, करमा, राउत नाचा और सुआ नृत्य की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने बार-बार तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

इस अवसर पर खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अध्यक्ष राकेश पांडेय, CSIDC अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा, साहित्य अकादमी अध्यक्ष शशांक शर्मा, विधायक संपत अग्रवाल, प्रबोध मिंज, मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्य सचिव विकास शील, संस्कृति एवं पर्यटन सचिव रोहित यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य मौजूद रहे।