नई दिल्ली 10 मई।उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले का सदभावपूर्ण समाधान निकालने के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति को 15 अगस्त तक का और समय दिया है।
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली इस समिति ने मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करने के लिए और समय मांगा था। मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है। इसमें प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के अलावा न्यायाधीश एस ए बोबड़े, डी वाई चन्द्रचूड़, अशोक भूषण और एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। सम्बद्ध पक्षों को अगले महीने की तीस तारीख तक समिति के सामने अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने की अनुमति भी दे दी गई है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा आठ मार्च को यह मामला मध्यस्थता के लिए सौंपे जाने के बाद आज पहली बार सुनवाई की गई। शीर्ष न्यायालय ने समिति को मामले की सुनवाई बंद कमरे में करने और इसे आठ सप्ताह में पूरा करने को कहा था। मध्यस्थता समिति में आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू दो सदस्य भी हैं।