पू्र्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कांग्रेस के बिना देश में एक असरदार विपक्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है। लेकिन पार्टी ने देश में कहीं न कहीं अपनी जमीन खो दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी के फिर से खड़ा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
अश्विनी कुमार ने अपनी किताब ‘The Guardians of Republic’ की लॉन्चिंग के मौके पर उक्त बातें कहीं। उन्होंने यह भी कहा कि यह धारणा रखना कि पीएम सब कुछ गलत ही कर रहे, यह गलत है। पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकतांत्रिक नेतृत्व के सभी गुणों में सबसे महत्वपूर्ण उदारता है।
‘कोई भी पीएम हर काम गलत नहीं कर सकता’
इस दौरान उन्होंने साफ किया कि देश का कोई भी पीएम सब कुछ गलत नहीं कर सकता है। कुछ विषयों में असंतोष हो सकता है, लेकिन सभी किए गए काम गलत नहीं हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी और विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि यह धारणा कि यह शासन सब कुछ गलत करता है, यह प्रधानमंत्री सब कुछ गलत करता है, यह भी सही नहीं है।
वहीं, अश्विनी कुमार से जब पूछा गया कि क्या पार्टी छोड़ने के बाद भी उनकी विचारधारा अभी भी कांग्रेस की ओर झुकी हुई? इस सवाल के जबाव में कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की आइडियोलॉजी के लिए मेरे मन में अभी भी बहुत इज्जत है। मेरे मन में इसके अभी के नेताओं के लिए भी बहुत सम्मान है। मैंने कांग्रेस के किसी भी नेता को कभी घमंडी नहीं पाया। कांग्रेस के नेताओं के विचार मजबूत हैं।
BJP को क्यों नहीं हरा पा रही कांग्रेस?
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस आखिर बीजेपी को हराने में नाकाम होती क्यों दिख रही है? इसके जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए कांग्रेस को अपने भीतर झांकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक बेहतरीन पार्टी है। देश में इसके बिना एक मजबूत विपक्ष की कल्पना इस वक्त नहीं की जा सकती है। इसके बावजूद ये देखना होगा कि पार्टी ने कहीं न कहीं अपनी जमीन खो दी है।
उन्होंने बातचीत के दौरान आगे कहा कि मैं किसी भी पार्टी के बारे में कोई फैसला देने वाले व्यक्ति नहीं हूं। कांग्रेस के नेता समझदार हैं। कांग्रेस की यह राष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि वह खुद को फिर से जिंदा करे।
EVM के मुद्दे पर विपक्ष को सलाह
इसके अलावा विपक्ष के वोट चोरी के आरोप पर कमेंट करते हुए अश्विनी कुमार ने कहा कि इस पर विचार किया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब विपक्ष की पार्टी किसी राज्य में ईवीएम से हुए चुनाव से सरकार का गठन करती है, फिर कैसे वोट चोरी के आरोप पर भरोसा किया जा सकता है।
पूर्व कांग्रेस नेता का कहना है कि चुनाव की खामियों को उठाना विपक्ष का कर्तव्य है। लेकिन जहां पर कांग्रेस की जीत होती है वहां पर ईवीएम का मुद्दा खत्म हो जाता है। वहीं, जहां पर हार होती है तो ईवीएम कठघरे में आ जाता है। इस स्थिति में लोगों के बीच गल संदेश जाता है। अगर वाकई में ईवीएम में कोई गड़बड़ी है, तो या तो आप चुनाव में हिस्सा मत लीजिए या फिर जहां जीत रहे हैं वहां की सरकार का इस्तीफा करा दीजिए।
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