रायपुर 19 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वीकार किया कि जांजगीर चापा जिले में जिला खनिज निधि(डीएमएफ) से स्वीकृत 130 कार्य शुरू नही हो पाए है।
श्री बघेल ने आज विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल में ही भाजपा सदस्य नारायण चंदेल के प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकारते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस निधि के क्रियान्वयन के लिए गठित समिति में विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को नही रखा था,उनकी सरकार ने इसके नियमों में परिवर्तन कर कलेक्टर की बजाय प्रभारी मंत्री को इसका अध्यक्ष,सम्बधित जिले के सभी विधायकों तथा गांवो के सरपंचों ही नही सदस्यों को भी क्रियान्वयन के लिए गठित समिति में शामिल किया है।
उन्होने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय शिक्षा एवं स्वास्थ्य के नाम पर स्वीकृति होती थी और भवन निर्मित होते थे जबकि उनकी सरकार ने यह नियम बनाया है निधि की 50 प्रतिशत राशि का सीधा लाभ प्रभावित लोगो को मिले।उन्होने कहा कि विधानसभा सत्र के बाद प्रभारी मंत्री जिलों में बैठक कर निर्णय लेंगे जिसमें विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।उनकी राय से ही निर्णय होंगे।जनता कांग्रेस सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने खनिज निधि का खनन से प्रभावित क्षेत्रों से और ज्यादा से ज्यादा सम्बधित लोकसभा क्षेत्र से बाहर उपयोग नही करने के प्रावधान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि निधि में प्राप्त राशि प्रत्यक्ष प्रभावित जिलों में ही खर्च की जायेंगी।
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