नई दिल्ली 02 अगस्त।राज्यसभा ने व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित करने के प्रावधान वाले गैरकानूनी गतिविघियां रोकथाम संशोधन विधेयक को आज पारित कर दिया।
लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। सदन ने इस विधेयक को 42 के मुकाबले 147 वोट से पारित किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए आतंकवाद के खिलाफ एनडीए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि आंतकवाद के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठाने की जरूरत है।श्री शाह ने कहा कि..अगर हम एक मत के साथ यहां से पारित करते हैं तो विश्वभर के अंदर हमारी ऐजेंसी के लिए अच्छा संदेश जाएगा। औऱ विश्वभर के आतंकवादियों के अंदर भी एनआईए की धमक बढ़ेगी, हमारे कानून की धमक बढ़ेगी औऱ कम से कम आतंकवाद जैसे मुद्दे पर भी यह सदन एक मत है ऐसा एक संदेश जाएगा..।
कुछ सदस्यों की व्यक्तियों को आंतकवादी करने की आपत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि अमरीका पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में व्यक्तियों को आंतकवादी घोषित किए जाने का प्रावधान है। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने के बारे में डीएमके और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर कर दिया।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिदम्बरम ने कहा कि यह विधेयक केन्द्र सरकार को यह अधिकार देता है कि वह किसी भी व्यक्ति को अपनी मर्जी से आंतकवादी घोषित कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न्यायालय की कसौटी पर खरा नहीं उतरेगा।
विधेयक में गैरकानूनी गतिविघियां रोकथाम संशोधन अधिनियम, 1967 में संशोधनों का प्रावधान है।इसके अंतर्गत केन्द्र सरकार को आतंकी गतिविधियों से किसी भी रूप में जुड़े व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार है।इससे पहले, सरकार सिर्फ संगठनों को ही आतंकवादी घोषित कर सकती थी। साथ ही इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक को भी यह अधिकार दिया गया है कि वे एजेंसी द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में अभियुक्तों या संगठनों की सम्पत्ति की कुर्की का आदेश जारी कर सकते हैं।