दुर्ग 12अगस्त।अभिभावकों द्वारा बच्चों की शरारत रोकने उन्हें पुलिस का नाम लेकर डराने से उनमें बनने वाली नाकारात्मक छवि को बदलने दुर्ग पुलिस ने बाल मित्र कक्ष के रूप में एक अभिनव प्रयोग किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए आज जिले के पुराने भिलाई थाने में बाल मित्र कक्ष का शुभारंभ किया।उन्होने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रयोग है।बच्चों को यह मैसेज मिलेगा कि पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए होती है।वो तो पेरेंट्स की तरह उनका ख्याल रखती है। उन्होंने कहा कि यहां बच्चों के लिए किताबें हैं।चाचा चौधरी की कॉमिक्स मैंने देखी, नागराज की कॉमिक्स देखी। इससे पढ़ने की आदत तैयार होती है। बच्चों की कल्पनाशीलता बढ़ती है। एक बार बच्चे किताबें पढ़ते हैं तो उनके लिए नई दुनिया खुल जाती है।
उन्होने दुर्ग पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमेशा अपना काम बेहतर करने के लिए नई युक्तियों की खोज आपके कार्य को सार्थकता प्रदान करती है।यह अच्छा प्रयोग उन्होंने किया है। सोच बदलने से, नजरिया बदलने से रास्ते खुल जाते हैं।यह बहुत अच्छी सोच है कि थाने में भी बाल मित्र कार्नर बनाये जा सकते हैं।उन्होंने कहा कि केवल बच्चे ही यह महसूस नहीं करेंगे अपितु थाने आने वाला हर नागरिक पुलिस के संवेदनशील चेहरे को महसूस कर सकेगा।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि यह दुर्ग पुलिस की अच्छी पहल है। बच्चों के मनोविज्ञान में पुलिस की सकारात्मक छवि इससे बनेगी। अपनी शिकायत थाने लेकर आने वाले लोग भी पुलिस की संवेदनशीलता को महसूस करेंगे। यह पुलिस की छवि को निखारने की दिशा में सार्थक कदम है। इस तरह के नवाचारों से पुलिसिंग मजबूत होगी।