नई दिल्ली 13 सितम्बर।उच्चतम न्यायालय ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों में ढील देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की केन्द्र सरकार की याचिका को आज तीन न्यायाधीशों की पीठ को सौंप दिया।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की पीठ ने आदेश दिया कि यह मामला सुनवाई के लिए अगले सप्ताह तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रखा जाय।मई में उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि देश में कानून समान होने के साथ किसी जाति के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
केन्द्र सरकार ने कहा था कि न्यायालय का मार्च 2018 का फैसला समस्या उत्पन्न करने वाला है और इस पर पुनर्विचार होना चाहिए।