नई दिल्ली 18 सितम्बर।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, आयात, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि ई-सिगरेट के युवाओं पर दुष्प्रभाव को देखते हुए यह अध्यादेश लाया गया।उन्होने कहा कि यह निर्णय युवाओं पर ई-सिगरेट के बढ़ते दुष्प्रभावों को देखते हुए लिया गया है। अमरीका में इसके दुष्प्रभावों के आंकड़े हमे बड़ी संख्या में मिले हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार वहां 77 दशमलव 8 प्रतिशत स्कूली बच्चे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। यह चौंकाने वाली बात है कि कम उम्र के स्कूली बच्चे भी ई-सिगरेट का सेवन कर रहे हैं और इसके दुष्प्रभाव का शिकार हो रहे हैं।
उन्होने बताया कि अध्यादेश में प्रतिबंध का पहली बार उल्लंघन करने वालों को एक वर्ष के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
ई-सिगरेट बैटरी-चालित उपकरण है जो निकोटीन युक्त पदार्थ को गर्म करके एयरोसोल पैदा करता है, जिससे नशा होता है। ई-सिगरेट पर प्रतिबंध से जनता विशेषकर बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सकेगा।