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छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन

रायपुर, 02 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन आज चार दिन पहले ही हो गया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्र के समापन के मौके पर कहा कि सत्र के दौरान विभिन्न विषयों पर विस्तृत और परिणाममूलक चर्चा हुई।उन्होंने सत्र के सुचारू संचालन में सदन के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष सहित पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि सदस्यों की राजनीतिक प्रतिबद्धताएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन उनकी भावनाएं छत्तीसगढ़ के विकास, लोकहित और लोक कल्याण के लिए समर्पित हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 26 नवम्बर को संविधान दिवस पर सदन में हुई चर्चा में सदस्यों ने अपने विचार रखे, जिससे संविधान के संबंध में हमारी जानकारी और अधिक समृद्ध हुई, 28 नवम्बर को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस पर विधानसभा की कार्रवाई का संचालन छत्तीसगढ़ी में किया गया। शीतकालीन सत्र के दौरान द्वितीय अनुपूरक बजट पारित किया गया और विधानसभा के उपाध्यक्ष का निर्वाचन हुआ।

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान विनियोग सहित 8 विधेयक पारित किए गए। सत्र के दौरान 4870 लोगों ने और 1430 विद्यार्थियों ने विधानसभा की कार्रवाई का अवलोकन किया। इस सत्र के दौरान 6 बैठकें हुई, जिन पर 30 घंटे तक चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अनेक गौरवशाली संसदीय परम्पराएं स्थापित की है। सत्र के दौरान सदन में सभी विषयों पर चर्चा हुई। संविधान दिवस के मौके पर विधानसभा में सार्थक चर्चा हुई। सत्र के दौरान महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय विधेयक तथा शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय विधेयक चर्चा के उपरांत पारित हुए।

प्रतिपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि शीतकालीन सत्र हालांकि संक्षिप्त था किन्तु इसमें महत्वपूर्ण कार्यों का सम्पादन हुआ। सदस्यों को जनता के हितों को रखने का पर्याप्त अवसर मिला। उन्होंने इसके लिए विधानसभा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है।इस अवसर पर समापन सत्र को विधायक धर्मजीत सिंह और केशव चन्द्रा ने भी संबोधित किया।