नई दिल्ली 03 दिसम्बर।संसद ने विशेष सुरक्षा समूह(एस.पी.जी.)संशोधन विधेयक पारित कर दिया है।राज्यसभा ने इसे आज मंजूरी दी जबकि लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी थी।
विधेयक में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार प्रधानमंत्री और उनके सरकारी आवास पर उनके साथ रहने वाले उनके निकट परिजनों को ही एस.पी.जी. सुरक्षा मिलेगी।विधेयक के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके सरकारी आवास पर उनके साथ रहने वाले उनके परिवार के निकट सदस्यों को भी एस.पी.जी.की सुरक्षा मिलेगी,लेकिन यह केवल पांच वर्ष के लिए ही होगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि संशोधन विधेयक लाने में राजनीतिक बदले की भावना का प्रश्न ही नहीं उठता है क्योंकि एस.पी.जी सुरक्षा प्रधानमंत्री की केवल शारीरिक और संचार सुरक्षा के लिए है।उन्होंने स्पष्ट किया कि गांधी परिवार को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है,हालांकि खतरे की गंभीरता का मूल्यांकन के आधार पर एस.पी.जी सुरक्षा पहले ही हटा ली गई थी। गृहमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी परिवार को असीमित समय के लिए एस.पी.जी सुरक्षा जारी नहीं रखी जा सकती है।उन्होंने कहा कि जेड प्लस सुरक्षा भी 24 घंटे उपलब्ध रहती है।
बाद में, गृहमंत्री के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए कांग्रेस, डी.एम.के और वामपंथी दलों के सदस्यों ने वाक-आउट किया।इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के विवेक तन्खा ने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले में भी राजनीति की जा रही है।