नई दिल्ली 04 दिसम्बर।केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी।इसे संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश किए जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमण्डल की बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक सहित कई अहम निर्णयों पर मुहर लगाई गई।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद बताया कि इस विधेयक में देश हित को सर्वोपरि रखा गया है।इसे जल्द संसद में पेश किया जाएगा।उन्होने कहा कि इह बिल के प्रावधान जैसे स्पष्ट होंगे सभी लोग इसका स्वागत करेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय इन्टरेस्ट में है और नेचुरल जस्टिस के इन्टरेस्ट में है और किसी के खिलाफ नहीं है।
नागरिकता संशोधन विधेयक में विशेष वर्गों में अवैध प्रवासियों को छूट देने के मौजूदा कानून में संशोधन किया जाएगा। इसके जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह धर्मों के अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता विधेयक 1955 में संशोधन का प्रावधान है।
विधेयक में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिश्चियन धर्मों के लोगों को नागरिकता हासिल करने के लिए 11 साल की अवधि को कम करके छह साल किया जाएगा। इस बिल को लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी लेकिन यह राज्यसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सका। अब मौजूदा सत्र के दौरान इसे प्रस्तुत किए जाने की आशा है जहां इसे कांग्रेस, टीएमसी और वाम दलों की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।