रायपुर 12 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा है कि कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने युवाओं को प्रेरित किया जाए, जिससे कृषि को उद्योग के रूप में परिवर्तित किया जावे।
सुश्री उइके ने आज स्नातक कृषि शिक्षा में पुनर्विचार विषय पर आयोजित भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ के 44वें वार्षिक कुलपति सम्मेलन में कहा कि दिनों दिन बढ़ रही आबादी की तुलना में रोजगार के अवसर उतने नहीं बढ़ रहे हैं, ऐसे में कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें बड़ी संख्या में रोजगार का निर्माण किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे परम्परागत और पुराने बीजों का संरक्षण किया जाना चाहिए। जैविक खेती का प्रचलन बढ़ रहा है, इसे अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। हमारे आदिवासी क्षेत्रों में कोदो-कुटकी की खेती होती रही है, अब उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनिया अच्छे दामों में खरीद रही हैं, यह कभी गरीबों का भोजन हुआ करता था, आज बड़े-बडे़ होटलों में इनकी मांग बढ़ रही है। मेरा सुझाव है कि आदिवासी क्षेत्रों में बोए जाने वाले इस तरह के फसलों को प्रोत्साहित करें। इससे हमारा आदिवासी समाज कृषि के क्षेत्र में प्रगति कर पाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि अब समाज, देश एवं कृषि की आवश्यकताएं पूरी तरह से बदल गई है। जो आवश्यकताएं कुछ दशकों पहले थी एवं जिसके अनुरूप वर्तमान स्नातक कृषि शिक्षा प्रणाली तैयार की गई है, वह अब शायद समकालीन नहीं रह गई है। हम अपने स्नातक स्तर की शिक्षा पद्धति को आज की परिस्थितियों के अनुसार इसमें प्रभावी बदलाव करें, जिससे समाज और देश की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।