नई दिल्ली 16 दिसम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि नागरिकता कानून को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है।
श्री मोदी ने अपने कई ट्वीट में कहा कि विचार विमर्श और मतभेद लोकतंत्र का आवश्यक अंग है लेकिन सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाना और जनजीवन में व्यवधान लाना कभी इसका हिस्सा नहीं रहे।उन्होंने कहा कि नए नागरिकता कानून का संसद के दोनों सदनों में बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने समर्थन किया था।उन्होंने कहा कि यह कानून सदभाव, करूणा और भाई-चारे की भारत की सदियों पुरानी संस्कृति को दर्शाता है।
श्री मोदी ने नागरिकों को आश्वस्त किया कि इस कानून से देश के किसी भी सम्प्रदाय के नागरिकों पर कोई असर नहीं पडेगा और किसी को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जो वर्षों से दूसरे देश में उत्पीड़न झेल रहे हैं और उनके पास शरण लेने के लिए भारत के सिवाय कोई जगह नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय की मांग है कि हम सब मिलकर देश के विकास के लिए काम करें और विशेषकर गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए अपना योगदान करें।