
रायपुर 05 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि लोगों का पुलिस पर विश्वास पुलिस की सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए लोगों को सुरक्षा देने, विकास कार्यों के क्रियान्वयन तथा लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए त्वरित और प्रभावी ढंग से कार्य करने को कहा हैं।
श्री बघेल आज नवा रायपुर, अटल नगर स्थित पुलिस मुख्यालय में पहली बार आयोजित आईपीएस कॉनक्लेव को संबोधित कर रहे थे।गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव आर.पी.मंडल, पुलिस महानिदेशक डी.एम.अवस्थी, एडीजी संजय पिल्ले, आर.के. विज और अशोक जुनेजा इस अवसर पर उपस्थित थे।
उन्होने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पुलिस कर्मियों की व्यवहारिक दिक्कतों को ध्यान रखें, उनसे संवाद स्थापित करें और ऐसा वातावरण तैयार करें , जिससे पुलिसकर्मियों का मनोबल ऊंचा रहे और वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने में सक्षम हो सकें। आम जनता पुलिस की उपस्थिति में अपने आप को सुरक्षित महसूस करती है, यह प्रतिष्ठा पुलिस के हर जवान को बनाए रखनी होगी।
श्री बघेल ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों दूरस्थ गांवों में सबसे पहले पुलिस पहुँचती है। वहां गांव में सड़क, बिजली, पानी की छोटी-छोटी समस्याएं रहती है पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इन समस्याओं के निराकरण का प्रयास करें और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में मदद करें । यदि पुलिस जवान गांव के किसी एक व्यक्ति का इलाज मुख्यमंत्री सहायता कोष की मदद से कराते हैं तो व्यक्ति के परिवार सहित पूरे गांव का विश्वास पुलिस के साथ होगा।
गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि जनता के मन में पुलिस के प्रति सम्मान और अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए।उन्होंने कहा कि नक्सल इलाकों में पुलिस विकास की रोशनी पहुंचाने में सहयोग करें। वहां खुद जाकर लोगों से बातचीत करें।उन्होंने पिछले एक वर्ष के दौरान कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने और नक्सली घटना में कमी का उल्लेख करते हुए पुलिस बल की सराहना की।उन्होंने कहा कि नशे के व्यापार पर सख्ती से पाबंदी लगाई जानी चाहिए।
पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी में कहा कि वर्ष 2020 में पुलिस में आरक्षकों और उपनिरीक्षकों के पांच हजार पदों पर भर्ती की जाएगी।पिछले एक वर्ष में नक्सली घटनाओं में 46 प्रतिशत की कमी आई है।राज्य में चिटफंड कंपनियों के एजेंटों के विरुद्ध प्रकरण वापस लिए गए हैं। चिटफंड कंपनियों से राजनांदगांव जिले में 7 करोड़ 92 लाख रुपए की वसूली नीलामी के माध्यम से की गई है और इसे निवेशकों को लौटाने की प्रक्रिया जारी है।जस्टिस पटनायक की अनुशंसा पर 215 प्रकरण वापस ले लिए गए हैं।राजनांदगांव में 58 प्रकरण लंबित हैं जिन्हें जल्द वापस लिया जाएगा।
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