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उत्तरप्रदेश में टीईटी पास होने के बाद भी शिक्षक बनने देनी होगी एक और परीक्षा

लखनऊ 26 सितम्बर।टीईटी पास और अध्यापक की नौकरी की राह जोह रहे उत्तरप्रदेश के बेरोजगार युवक युवतियों के लिए बुरी खबर है कि योगी सरकार अब मेरिट पर नही लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती करेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की हुई बैठक में प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब टीईटी के बाद लिखित परीक्षा भी अनिवार्य कर दिया गया है।टीईटी पास अभ्यर्थियों की अब सीधे भर्ती नहीं होगी, बल्कि उन्हें लिखित परीक्षा से भी गुजरना होगा।मेरिट बनाते समय लिखित परीक्षा के अंक भी जोड़े जाएंगे।

सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि लिखित परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी।शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के भी अंक जोड़े जाएंगे।लिखित के लिए 60 और शैक्षिक योग्यता के आधार पर 40 अंक दिए जाएंगे।लिखित परीक्षा में सिर्फ टीईटी पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।

जानकारों का मानना है कि लिखित परीक्षा यानी भ्रष्टाचार का नया रास्ता।इस परीक्षा के जरिए सत्ताधीश एवं नौकरशाही को चहेतों की भर्ती की नई राह मिलेगी।अभी तक मेरिट के जरिए राज्य में भर्ती होती रही है जिसमें मेरिट की गलत गणना पर खुली चुनौती दी जा सकती थी।

भ्रष्टाचार के मामले बदनाम उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी की सरकारों में बहुत बड़ी संख्या में अध्यापकों की भर्तियां मेरिट के आधार पर हुई और शायद ही अध्यापकों की भर्ती में दोनो ही पार्टियों की सरकारों में भ्रष्टाचार की खबरें आई हो।कम से कम दोनो ही पार्टियों की सरकारों में शिक्षकों की भर्ती में रिश्वत के चलने की खबरे नही आई,और सभी जाति वर्ग के अभ्यर्थियों को मौका मिला।अब योगी सरकार के आज लिए फैसले के बाद क्या होगा यह देखना पड़ेगा।