नई दिल्ली 06 फरवरी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में जनता को गुमराह नहीं करने का आग्रह किया है।
श्री मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष का इस मुद्दे पर दोहरा मानदंड है।..सिटीजन शिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर जो प्रचारित किया जा रहा है, उसको लेकर सभी साथियों को खुद से सवाल पूछना चाहिए। क्या देश को मिसइंफोम करना, मिसगाइड करना, इस प्रवृत्ति को हम सब को रोकना चाहिए या नहीं रोकना चाहिए। क्या हमें ऐसे कैंपेन का हिस्सा बन जाना चाहिए। किसी का राजनीतिक भला होने वाला नहीं है, मानके चालिए और इसे मिल बैठकर जरा सोचें कि हम सही रास्ते में जा रहे हैं कि आप..।
उन्होने कहा कि जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) सामान्य प्रशासनिक गतिविधियां हैं जो लम्बे समय से चली आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले का राजनीतिकरण किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लम्बे समय से आ रहे मुद्दों के समाधान के लिए वर्तमान सरकार द्वारा की गई पहलों के बाद इस क्षेत्र में शांति बहाल हुई है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र विकास के मामले में देश के अन्य भागों से जुड़ गया है।
श्री मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों से चले आ रहे ब्रू-रियांग संकट पर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि इसे राजनीतिक रूप से फायदेमंद नहीं समझा गया। उन्होंने कहा कि बोडो समस्या का समाधान भी वर्तमान सरकार ने किया है और सभी सशस्त्र विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। श्री मोदी ने कहा कि अनुच्छेद-370 के उन्मूलन के बाद जम्मू कश्मीर के लोगों को आरक्षण और केंद्र सरकार की नीतियों का लाभ मिला।
बाद में, सदन ने सर्वसम्मति से धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर दिया। हालांकि प्रधानमंत्री के भाषण के बाद कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई तथा समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से बर्हिगमन किया।
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