नई दिल्ली 12 फरवरी।दिल्ली उच्च न्यायालय ने कैदियों के लिए मताधिकार का इस्तेमाल करने की मांग वाली एक जनहित याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति डी एन पटेल और सी हरिशंकर की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि वोट डालना न तो मौलिक अधिकार है और न ही कोई सामान्य कानून है, बल्कि ये केवल एक साधारण नियम के तहत आता है।
पीठ का मानना था कि जनप्रतिनिधि कानून के अंतर्गत वोट डालने का अधिकार तो दिया गया है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। इस बारे में दायर याचिका में कहा गया है कि ये अधिकार कानून के अंतर्गत आता है और इसे छीना नहीं जा सकता।
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