नई दिल्ली 08अप्रैल।उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि सरकारी और गैर-सरकारी-सभी प्रयोगशालाओं में कोरोना मरीजों के नमूनों की जांच मुफ्त होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और एस रविंद्र भाट की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की जांच राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं अथवा विश्व स्वास्थ्य संगठन या भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित एजेंसियों में की जानी चाहिए।
न्यायालय ने केंद्र सरकार को कोरोना मरीजों के नमूनों की मुफ्त जांच के संबंध में तुरंत आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में महामारी को रोकने में गैर-सरकारी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
पीठ ने यह आदेश एक वकील की जनहित याचिका पर जारी किया, जिसमें सभी नागरिकों के लिए कोरोना की जांच निशुल्क करने का आदेश केंद्र और अन्य प्राधिकरणों को देने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति को 45 सौ रुपये का भुगतान नही करने की स्थिति में कोरोना की जांच से वंचित नहीं किया जा सकता।