रायपुर, 14 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर पर्यावरण प्रभाव आंकलन (ईआईए) अधिसूचना के मसौदा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मसौदा सतत विकास की प्रक्रिया को बाधित करेगा।
श्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि ईआईए अधिसूचना, 2020 के मसौदे के प्रावधान पर्यावरणीय न्यायशास्त्र के अनुरूप नहीं हैं और ये “सतत विकास ‘और ईआईए प्रक्रिया के अपने उद्देश्यों को पूरी नहीं करता है।मसौदे में पर्यावरण मंजूरी देने के संबंध में प्रदेश सरकार के विचारों और राय को शामिल नहीं किया गया है।मसौदे में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो अनुसूची पांचवी एवं छठवीं के तहत संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देता हो।
उन्होने पत्र में लिखा है कि ईआईए अधिसूचना के प्रारूप में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक संवेदनशीलता को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।पत्र में श्री बघेल ने उम्मीद जताई है कि ईआईए अधिसूचना 2020 के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।