नई दिल्ली 14 सितम्बर।संसद के आज से शुरू मॉनसून सत्र के पहले दिन संसद ने लोकसभा की मंजूरी के साथ राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक-2020 और राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति विधेयक-2020 पारित किया।
इस वर्ष बजट सत्र के दौरान 19 मार्च को राज्यसभा इन विधेयकों को पारित कर चुकी है। इन विधेयकों का उद्देश्य होम्योपैथी तथा भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए उच्चस्तरीय चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग विधेयक-2020, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग की स्थापना के लिए होम्योपैथी केंद्रीय परिषद अधिनियम 1973 का स्थान लेगा।
होम्योपैथी आयोग में 20 सदस्य होंगे जिसमें एक अध्यक्ष के अलावा होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान के महानिदेशक और होम्योपैथी के लिए चिकित्सा समीक्षा और रेटिंग बोर्ड के अध्यक्ष सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसमें कुछ अन्य सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा।
राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग विधेयक-2020, भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद अधिनियम 1970 का स्थान लेगा और इसके स्थान पर राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग का गठन किया जाएगा। आयोग में अन्य सदस्यों के अलावा अध्यक्ष, आयुर्वेद बोर्ड के अध्यक्ष, यूनानी बोर्ड के अध्यक्ष, सिद्धा और सोवारिग्पा सहित 29 सदस्य होंगे।इन दोनों विधेयकों में होम्योपैथी के साथ भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए सलाहकार परिषदों का भी गठन करने का प्रस्ताव किया गया है। यह परिषद प्रारंभिक मंच होंगे जिसके माध्यम से राज्य और केंद्रशासित प्रदेश दोनों आयोगों के समक्ष अपने विचार और समस्याएं रख सकेंगे।