रायपुर 27 सितम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया हैं कि उसने किसानों एवं श्रमिकों से जुड़े कानून बनाकर राज्यों के अधिकारों पर कुठाराघात किया है।
श्री बघेल ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि कृषि पूरी तरह से राज्य का विषय हैं,इसलिए इस पर कानून बनाने का अधिकार राज्यों को है।उन्होने कहा कि कोई विषय समवर्ती सूची का होता,तो उस पर संसद द्वारा बनाया कानून मान्य होता।उन्होने कहा कि श्रम सुधार कानून बनाने का भी अधिकार राज्यों को भी है,लेकिन राज्यों से विचार विमर्श नही किया।
उन्होने मोदी सरकार पर इन कानूनों को लेकर लोगो को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कह रही है कि अब किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकता है,तो क्या अभी तक इस पर रोक थी।उन्होने सवाल किया कि क्या अब नए कानून के बाद छत्तीसगढ़ का किसान अपनी उपज बेचने दिल्ली और पंजाब जायेंगा।नए कानून में व्यापारियों को भंडारण में छूट दी गई है,जिससे सीजन में व्यापारी इच्छानुसार अनाज.दलहन एवं तिलहन का भंडारण कर सकेंगा।
श्री बघेल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सरकारी मंडियों की बजाय निजी मंडियों के बढ़ावा देना चाहती है,जिससे कि सरकारी मंडिया बन्द हो जाय़।सरकारी मंडियों में किसानों के साथ किसी नाइंसाफी पर सचिव उसका निराकरण करता था,और सन्तुष्ट नही होने पर ऊपर भी शिकायत की व्यवस्था है,निजी मंडियों में उनका खुला शोषण होगा।
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