रायपुर 30 सितम्बर।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान ने देश के अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोले हैं।
सुश्री उइके ने आज ग्लोबल काउंटर टेरोरिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित ऊर्जा सुरक्षा सम्मेलन के वेबिनार सीरिज को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाते हैं तो इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती भी आएगी।उन्होने कहा कि आज भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती एवं अवसर यह है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया को एक सूत्र में बांधने के लिए वह वैश्विक भूमिका में अपने आप को प्रस्तुत करे।
उन्होने कहा कि पिछले कुछ महीने से पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। जल्द हम कोविड पर विजय प्राप्त करेंगे तो उसके पश्चात् हम पाएंगे कि दुनिया की तस्वीर बिल्कुल अलग होगी।भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।भारत वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभर सकता है और दुनिया की निगाहें भी इस ओर है। पिछले कुछ सालों में भारत में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में वृद्धि हुई है।बिजली की खपत में वृद्धि के कारण तापीय बिजली घर की क्षमता में भी इजाफा हुआ है। इस कारण कार्बन उत्सर्जन में भी साल दर साल बढ़ोत्तरी हो रही है। इस स्थिति में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ती जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया है। यह निर्भरता हर क्षेत्र में होगी। आत्मनिर्भर बनने के लिए ऊर्जा का होना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी उपलब्धियां हासिल की है और यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2020 तक भारत 175 गीगावाट ऊर्जा हरित साधनों से पैदा करेगा और 2030 तक यह साढ़े चार सौ गीगावाट तक पहुंच जाएगी।
इस वेबिनार में पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त, नीपको लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विनोद कुमार सिंह, ओ.एन.जी.सी.के निदेशक (अन्वेषण)राजेश कुमार श्रीवास्तव, पी.टी.सी. इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सी.ई.ओ. पवन सिंह, राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के प्रमुख ऊर्जा रणनीतिकार एवं प्रबंध निदेशक संजीव पाठक भी शामिल हुए।