नई दिल्ली 27 अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी, जिम्मेदार, जवाबदेह और विकास के लिए लोगों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए।
श्री मोदी ने सतर्कता और भ्रष्टाचार की रोकथाम पर आज से शुरू हुए तीन दिन के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि बीते वर्षों से भारत, भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त न करने की नीति पर अमल कर रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे भ्रष्टाचार का मामला हो, आर्थिक अपराध हों, मादक पदार्थों का अवैध व्यापार हो, मनी लॉन्ड्रिंग हो या आतंकियों को धन मुहैया करना हो, ये सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए अपराध हैं।
उन्होने कहा कि हमें भ्रष्टाचार के विरूद्ध व्यवस्थित जांच, प्रभावी लेखा परीक्षा, क्षमता-निर्माण और प्रशिक्षण जैसे उपायों को अपनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त रूप से संघर्ष छेड़ना होगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से लडना केवल एक एजेंसी का काम नहीं है, बल्कि यह सामूहिक जिम्मेदारी है।
श्री मोदी ने यह भी कहा कि सभी एजेंसियों के बीच पूरा तालमेल होना चाहिए, क्योंकि तालमेल और सहकारिता की भावना समय की जरूरत है।उन्होने कहा कि आज गर्व से कहा जा सकता है कि देश ने घोटाले के युग को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि आज गरीबों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के ज़रिए शत-प्रतिशत सहायता राशि उनके बैंक खातों कें ज़रिए भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अब नागरिकों के जीवन को सुगम बनाने के लिए प्रयत्नशील है।