रायपुर 23 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य के अधिसूचित क्षेत्र में भूमिहीन आदिवासी परिवार को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।राज्य में अधिसूचित क्षेत्र का कोई भी आदिवासी परिवार भूमिहीन नही रहेगा।
श्री बघेल ने आज यहां पर छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय विकास सेवा संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज का भी स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।आदिवासी समाज के श्री गैंदसिंह नायक, शहीद वीरनारायण सिंह, गुण्डाधुर जैसे अनेक नायकों ने देश की आजादी में अमूल्य योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के उत्तर एवं दक्षिण आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं। यहां जंगल क्षेत्र होने के बावजूद भी सिंचाई के लिए पानी की कमी है। किसानों के खेतो तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा नरवा योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत नदी-नालों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। यह काम अब वन विभाग के माध्यम से हो रहा है। इस योजना से यह भी लाभ मिला है कि अब जंगली जानवरों को जंगल में आसानी से पेयजल उपलब्ध हो रहा है, इससे रिहायसी क्षेत्रों में जंगली-जानवरों का आना रूका है। सिंचाई से पानी उपलब्ध होने से जंगलों की हरियाली बढ़ रही है, इससे मधुमक्खी पालन भी बढ़ रहा है।
श्री बघेल ने बहुउद्देशीय बोधघाट परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे आदिवासियों को सीधा फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बोधघाट परियोजना के लिए देश की सबसे आदर्श पुनर्वास नीति बनाई जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि आदिवासी की पहचान उनकी संस्कृति से है। आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार देवगुड़ी विकास और घोटुल निर्माण के लिए राशि उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों में रियायती दर पर समाज को जमीन और सामाजिक भवन निर्माण के लिए सरकार आर्थिक मदद दे रही है। शहीद वीर नारायण सिंह के नाम से जनजातीय संग्रहालय और शोध कार्य के लिए 10 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है।
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