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राज्यसभा में अभिभाषण पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल नही हुआ

नई दिल्ली 03 फरवरी।राज्‍यसभा में अभिभाषण के धन्‍यवाद के लिए प्रश्‍नकाल स्‍थगित कर दिया गया।

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने कहा कि प्रश्‍नकाल के साथ साथ शून्‍यकाल को स्‍थगित करने के बार में विपक्षी नेताओं से बात कर ली है। उन्‍होंने बताया कि सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस मामले में अपनी सहमति दे दी है।

चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा सदस्‍य भुवनेश्‍वर कलीता ने केन्‍द्र सरकार द्वारा किसानों के कल्‍याण के लिए उठाये गये विभिन्‍न कदमों का जिक्र किया।श्री कलीता ने कहा कि सरकार किसानों के सभी मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है। आयुष्‍मान भारत के बारे में उन्‍होंने कहा कि देश में लाखों गरीब परिवारों को इससे लाभ पहुंचा है। एक दूसरे भाजपा सदस्‍य विजय पाल सिंह ने कोरोना महामारी से निपटने में केन्‍द्र सरकार के प्रयासों की सराहना की।

चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने किसानों के विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की। श्री आज़ाद ने 26 जनवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान लाल किला में हुई हिंसा की निंदा की।उन्होने कहा कि..मैं 26 जनवरी का उल्‍लेख किये बिना नहीं रह सकता हूं। हम और हमारी पार्टी उसकी निन्‍दा करती है, पूरा विपक्ष निन्‍दा करता है। जो भी लालकिले पर हुआ, वो बिलकुल नहीं होना चाहिये। वो लोकतंत्र के खिलाफ है, डेमोक्रेसी के खिलाफ है।

बीजू जनता दल के प्रसन्ना आचार्य ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसक घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग की।