रायपुर 10 फरवरी।छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने सरकारी कार्यों में बाजार दर से गौण खनिज की रायल्टी कटौती का कड़ा विरोध करते हुए इस पर तुरंत रोक लगाए जाने की मांग की है।
कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन की राज्य स्तरीय सम्मेलन के दौरान अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तय रायल्टी दर की कटौती से ठेकेदारों को कोई आपत्ति नही हैं लेकिन अगर बाजार दर से कटौती की जायेंगी तो ठेकेदार बर्बाद हो जायेंगे।उन्हे अपना घर बेचकर भुगतान करना होगा।उन्होने कहा कि कुछ जिलों में कलेक्टरों ने बाजार दर पर कटौती शुरू करवा दी है,जिससे ठेकेदारों के लिए भवन,सड़क,पुल,एनीकट एवं नहर का निर्माण करना संभव नही रह जायेगा।
उन्होने कहा कि लोक निर्माण विभाग एवं जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माण कार्यो के रखरखाव हेतु क्रमशः पांच एवं 10 वर्ष की समय सीमा तय की गई हैं जोकि आव्यवहारिक है।इसे संशोधित किए जाने की मांग करते हुए उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं एशियन विकास बैंक के कार्यों की तरह रखरखाव हेतु विभाग को भुगतान करना चाहिए।
श्री शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार ने 50 लाख तक के निर्माण कार्यों के लिए मेनुवल टेण्डर नियम लागू किया हैं,इस नियम को रायपुर,दुर्ग,बिलासपुर एवं अम्बिकापुर संभागों में लागू किया जाना चाहिए।उन्होने कहा कि राज्य में 16 हजार पंजीकृत ठेकेदार हैं। इनमें 80 प्रतिशत ठेकेदार 20- 30 लाख का निर्माण कार्य करते है। इससे उन्हे काफी राहत मिलेंगी।
उन्होने कहा कि बाजार दर से रायल्टी वसूली तथा अन्य मांगो के बारे में लोक निर्माण मंत्री,नगरीय विकास मंत्रई एवं जल संसाधन मंत्री को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। मुख्यमंत्री से भी मिलने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होने कहा कि 20 फरवरी तक संगठन की सभी जिला इकाईयों को बैठक करने को कहा गया है। अगर एसोसिएशन की मांग पर सरकार ने कार्यवाई नही की और बाजार दर से रायल्टी कटौती पर रोक नही लगाई तो निर्माण कार्य ठप कर दिया जायेंगा।
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