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सिरपुर को विश्व धरोहर बनाने छत्तीसगढ़ सरकार कटिबद्ध –भूपेश

महासमुन्द 13 मार्च।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सिरपुर को विश्व धरोहर के रूप में विकसित करने और पहचान दिलाने के लिए राज्य शासन कटिबद्ध है। इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जायेंगे।

श्री बघेल ने आज यहां आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव एवं शोध संगोष्ठी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिरपुर का पुरा वैभव बहुत ही विस्तृत है। जो लगभग 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस तरह अन्य जगह विस्तारित बौद्ध केन्द्र नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिरपुर, डोंगरगढ़ और मैनपाट को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। पर्यटन सर्किट से जुड़ जाने से इस ओर सैलानियों का रूझान बढ़ेगा। जल्दी ही सिरपुर विश्व मानचित्र पर अंकित होगा।

उन्होने इस मौके पर उन्होंने सिरपुर के विकास के लिए 211.52 लाख के कार्यों की घोषणा की। इनमें 25 लाख रूपए की लागत से गेट का निर्माण, 73 लाख रूपए की लागत से सिरपुर मार्ग पर 04 तालाबों का सौंदर्यीकरण, 50 लाख रूपए की लागत से सिरपुर मार्ग पर 06 उपवन निर्माण, सिरपुर के रायकेरा तालाब के लिए 25 लाख रूपए  और कोडार-पर्यटन (टैटिंग एवं बोटिंग) के लिए राशि की घोषणा की।उन्होंने तथागत संदेश मासिक पत्रिका सिरपुर बौद्ध विशेषांक का विमोचन किया और आर्टिस्टों द्वारा बनाई गई पेंटिंग एक्जिविशन का अवलोकन किया तथा पेंटिंग की सराहना की।

श्री बघेल ने भदंत नागार्जुन सुरई ससई और आचार्य विचार साहेब का चींवर भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ हेरिटेज एंड कल्चरल फॉउंडेशन के आयोजकों द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शोध संगोष्ठी पर आधारित स्मारिका भेंट की गई। खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ हमेशा से देवभूमि रहा है। यहां शिव, वैष्णव, बौद्ध धर्मों के प्रमुख केन्द्र भी है। महोत्सव को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने भी संबोधित किया।इस मौके पर अन्य लोगो के अलावा अधिवक्ता रामकृष्ण जांगड़े भी मौजूद थे।